नई दिल्ली :- जन धन योजना की शुरुआत 28 अगस्त, 2014 को हुई थी जो कि एक मील का पत्थर साबित हुई। इस योजना के अंतर्गत अब तक 53 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले जा चुके हैं, जिनमें से 55.6 प्रतिशत खाते महिलाओं के नाम पर हैं। यह योजना वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए की गई थी, ताकि सभी वर्गों को बैंकिंग सेवाएं मिल सके और सामाजिक सुरक्षा भी सुनिश्चित किया जा सके।
इस वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 3 करोड़ से अधिक नए जन धन खाते खोलने का लक्ष्य रखा गया था। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 27 अगस्त को कहा कि प्रधानमंत्री जन धन योजना ने विभिन्न वर्गों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ने और केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
यह योजना विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में वित्तीय सेवाओं को पहुंचाने में सफल रही है। इसके जरिए लोगों को सामाजिक सुरक्षा और सरकारी लाभ में मदद मिली, इसके अलावा जन धन योजना ने सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे कि सब्सिडी और सहायता राशि को सीधे लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर की।