नई दिल्ली :- भारत दुनिया में प्लास्टिक कचरे का सबसे अधिक उत्पादन करता है। यहां एक साल में 1.02 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है जो दूसरे सबसे बड़े प्लास्टिक कचरा उत्पादक के मुकाबले दो गुना से भी अधिक है।
दुनिया हर साल 5.7 करोड़ टन प्लास्टिक प्रदूषण पैदा करती है और इसे सबसे गहरे महासागरों से लेकर सबसे ऊंचे पर्वत शिखर और लोगों के शरीर के अंदर तक फैलाती है। इस अध्ययन के अनुसार इस 5.7 करोड़ टन प्लास्टिक कचरे का दो-तिहाई से अधिक हिस्सा वैश्विक दक्षिण से आता है।
इस अध्ययन के लेखक कोस्टास वेलिस के अनुसार, दुनिया में हर साल इतना प्लास्टिक कचरा पैदा होता है जो न्यूयॉर्क शहर के सेंट्रल पार्क में एम्पायर स्टेट बिल्डिंग जितनी ऊंचाई तक पहुंच सके। ऊंचा प्लास्टिक कचरे से भरने के लिए हर साल पर्याप्त प्रदूषण होता है। शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए दुनिया भर के 50 हजार से अधिक शहरों और कस्बों में स्थानीय स्तर पर उत्पादित कचरे की जांच की। अध्ययन के परिणाम बुधवार को नेचर पत्रिका में प्रकाशित हुए।
इस अध्ययन के दौरान ऐसे प्लास्टिक की जांच की गई जो खुले वातावरण में जाता है न कि लैंडफिल में जाने वाले या ठीक से जला दिए जाने वाले प्लास्टिक की। दुनिया की 15 प्रतिशत आबादी से सरकार प्लास्टिक कचरा इकट्ठा करने और निपटाने में विफल रहती है।