नई दिल्ली :- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसे देश पहुंचे जहां 82 प्रतिशत मुस्लिम आबादी रहती है। हिंदुस्तान के किसी भी प्रधानमंत्री का पहला ब्रुनेई दौरा रहा। अपने ब्रुनेई दौरे में नरेंद्र मोदी ने भारत और ब्रुनेई के संबंधों को और मजबूत करने का तो काम किया ही और एक काम ऐसा भी किया जिसे हिंदुस्तान के एक तबके को जरूर देखना चाहिए जो पीएम मोदी को मुस्लिम विरोधी बताते हैं। पीएम मोदी के हर फैसले को हिंदू मुस्लिम के चश्मे से देखते हैं। भड़काऊ बातें करते हैं। पीएम मोदी ने ब्रुनेई में वहां से सबसे पुराने और दक्षिण पूर्व एशिया के सबसे प्रसिद्ध उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद का दौरा किया। इसका नाम ब्रुनेई के 28वें सुल्तान के नाम पर रखा गया है। हालांकि ये पहली बार नहीं है कि पीएम मोदी किसी मस्जिद में गए हों। इससे पहले भी पीएम मोदी यूएई के शेख जायद मस्जिद, ओमान के सुल्तान कबूस ग्रैंड मस्जिद, सिंगापुर के चूलिया मस्जिद, इंडोनेशिया के इस्तिकलाल मस्जिद और मिस्त्र के अल-हकीम बी-अम्र अल्लाह मस्जिद भी जा चुके हैं।
उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद, ब्रुनेई
भारतीय उच्चायोग की नई चांसरी के उद्घाटन के तुरंत बाद पीएम मोदी ने क्षेत्र की सबसे प्रमुख मस्जिदों में से एक का दौरा किया। उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद ब्रुनेई के 28वें सुल्तान के नाम पर है, जिन्हें आधुनिक ब्रुनेई का वास्तुकार और वर्तमान सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया के पिता माना जाता है। प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत ब्रुनेई के धार्मिक मामलों के मंत्री पेहिन दातो उस्ताज़ हाजी अवांग बदरुद्दीन ने किया।