नई दिल्ली। गूगल की ईमेल सर्विस जीमेल का इस्तेमाल करते हैं तो आपको अपने अकाउंट की सिक्योरिटी का खास ख्याल रखने की जरूरत होगी। अगर हम कहें कि हैकर के पास आपका जीमेल पासवर्ड होने के बाद भी डेटा नहीं चुराया जा सकता है तो आप भी इस बारे में जानकारी लेना चाहेंगे। गूगल की ओर से अकाउंट सिक्योरिटी के लिए टू-फैक्टर-ऑथेंटिकेशन की सुविधा दी जाती है। इस सेटिंग को इनेबल करने के साथ आपके जीमेल अकाउंट की सिक्योरिटी पक्की हो जाती है।
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन कैसे करता है काम
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन आपके गूगल अकाउंट की सिक्योरिटी के लिए एक एक्स्ट्रा लेयर की तरह काम करता है। जैसे ही आप किसी नए डिवाइस से जीमेल अकाउंट लॉग-इन करने की कोशिश करते पासवर्ड डालने के बाद दूसरे स्टेप पर आने की जरूरत होती है। गूगल की ओर से यह कंफर्म किया जाएगा कि गूगल अकाउंट का असली यूजर द्वारा ही इस्तेमाल किया जा रहा है। सेटिंग ऑन होने पर आपके प्राइमरी फोन पर गूगल प्रॉम्प्ट नजर आएगा। प्राइमरी डिवाइस से जब आपकी ओर से ऑथेंटिकेशन पास कर दिया जाएगा तभी दूसरे डिवाइस में जीमेल ओपन होगा।