नई दिल्ली :- 2014 को शुरू की गई प्रधानमंत्री जन धन योजना के 10 साल पूरे हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह महत्वाकांक्षी योजना कई उद्देश्यों के साथ शुरू की गई थी और इसका फायदा भी सरकार को मिला। कोविड महामारी के दौरान जब लोगों तक सरकार को धन राशि पहुंचानी थी तो इसके जरिए ही सरकार ने रकम को लोगों तक बतौर सहायता पहुंचाया। वहीं किसान सम्मान निधि और नरेगा और मनरेगा जैसी परियोजनाओं के पैसे भी लोगों के खाते में सीधे पहुंचते रहे। वह भी इसी जन-धन अकाउंट की वजह से संभव हो पाया। जिसकी वजह से भ्रष्टाचार की गुंजाइश ही समाप्त हो गई और पहले बिचौलिये के जरिए हो रही धन की लूट भी अब समाप्त हो गई है।
2014 शुरू हुई थी प्रधानमंत्री जन-धन योजना
2014 में जब नरेंद्र मोदी की सरकार बनी तो सबसे पहले यह फैसला लिया गया कि कैसे सामान्य से सामान्य लोगों को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ा जाए। सरकार इसके लिए आगे आई और प्रधानमंत्री जन-धन योजना की शुरुआत की। जिसके जरिए गरीब से गरीब लोगों का बैंक खाता जीरो बैलेंस पर खुल पाया। इसके बाद डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर यानी डीबीटी के जरिए सोशल सिक्योरिटी स्कीम्स का भी फायदा सीधे लाभर्थियों तक इसके जरिए पहुंचाया जा रहा है।