गुजरात (गांधीनगर):- गुजरात में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यह मामला बनासकांठा जिले की अंबाजी के पास के एक सरकारी स्कूल से जुड़ा हुआ है। यहां पर एक शिक्षिक अमेरिका में रहती हैं लेकिन वह स्कूल की शिक्षिका भी हैं। मजेदार बात यह है कि वह सैलरी भी ले रही हैं। सवाल खड़ा हो रहा है क्या स्थानीय अधिकारियों की बिना मिलीभगत के यह संभव है।
जांच में सामने आया है कि उनकी जब इच्छा होती है तो वह दिवाली पर 10 महीने बाद आ जाती हैं और फिर 21 दिन की छुटि्टयां भी लेती हैं। अमेरिका में रहकर बनासकांठा जिले के अंबाजी स्थित स्कूल पढ़ा रही शिक्षिका का फर्जीवाड़ा सामने आने पर सरकार में हड़कंप की स्थिति है। यह भी सामने आया है कि शिक्षिका दो महीने भारत में और 10 महीने यूएस में रहती
भावना पटेल के पास अमेरिका का ग्रीन कार्ड भी है फिर भी भारत के इस सरकारी स्कूल में शिक्षक के रूप में उनका नाम दर्ज है। स्कूल बोर्ड पर नाम अंकित है। आरोप है कि इस संबंध में कई बार ज्ञापन देने के बाद भी अधिकारियों की ओर से कोई सुनवाई नहीं हुई है। स्कूल के प्रभारी शिक्षक का कहना है कि वह प्रभारी यह शिक्षक साल में एक बार दिवाली के समय आती हैं। दिवाली की छुट्टियों का वेतन भी निर्धारित करती है।
सवाल उठ रहे हैं कि नौकरी कैसे जारी रही। सवाल यह भी है कि क्या इस स्कूल में कभी निरीक्षण नहीं होता या फिर भावनाबेन पटेल के अधिकारियों से भी संबंध हैं। इसलिए कोई कार्रवाई नहीं हुई। राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने इस खुलासे पर अभी कोई प्रतिक्रया नहीं दी है।