मुंबई(महाराष्ट्र):- भारत के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अम्बानी का ऐतिहासिक एंटीलिया महल एक नया विवाद खड़ा कर रहा है।यह महल वक्फ बोर्ड की ज़मीन पर बनाया गया है। जहां पर पहले अनाथालय निर्माण की योजना थी।
इस मुद्दे पर सक्रिय नेता असदुद्दीन ओवैसी ने 2011 से ही आवाज उठाई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि राजनीतिक दलों ने इस मामले को नजरअंदाज किया है। ओवैसी का कहना है कि कांग्रेस शिवसेना समाजवादी पार्टी एनसीपी और अन्य प्रमुख दलों ने इस मामले पर ध्यान नहीं दिया। खासकर जब महाराष्ट्र में कांग्रेस की सरकार थी। तब अम्बानी का महल बना था। जिससे कांग्रेस पर अम्बानी को सहयोग देने का आरोप लगा।
इस विवाद को लेकर वक्फ बोर्ड और अन्य संबंधित प्राधिकरण अब कानून में संशोधन की तैयारी कर रहे हैं। ताकि ऐसी विवादित स्थिति उत्पन्न न हो। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि वक्फ कानून में बदलाव से इस तरह की संपत्तियों को संरक्षित किया जा सकेगा और भविष्य में ऐसे मामलों को सुलझाने में मदद मिलेगी।
हालांकि अम्बानी और उनकी कंपनी ने इस विवाद पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए यह स्पष्ट है कि कानूनी प्रक्रियाओं और सरकारी निर्णयों से ही इस मुद्दे का हल निकलेगा।वर्तमान में यह देखना होगा कि कोर्ट इस विवाद को किस दिशा में ले जाता है और क्या अम्बानी के एंटीलिया महल को किसी भी कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।