Dastak Hindustan

हमारे देश के युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने और उनके सपनों को पूरा करने में एमएसएमई निभा रही अहम भूमिका

दिल्ली:दिल्ली में सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चर कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देश के युवा वर्ग को आर्थिक रूप से मजबूत करने में और उनके सपनों को पूरा करने में एमएसएमई अहम भूमिका निभा रही है। एमएसएमई देश के युवा वर्ग को सबसे ज्यादा रोजगार देती है। एमएसएमई निर्यात तथा टैक्स देने में भी सर्वाधिक भूमिका निभाती है। सौरभ मालवीय युवा शक्ति देश और समाज की रीढ़ होती है। युवा देश और समाज को नए शिखर पर ले जाते हैं।युवा देश का वर्तमान हैं, तो भूतकाल और भविष्य के सेतु भी हैं।युवा देश और समाज के जीवन मूल्यों के प्रतीक हैं। युवा गहन ऊर्जा और उच्च महत्वकांक्षाओं से भरे हुए होते हैं। उनकी आंखों में भविष्य के इंद्रधनुषी स्वप्न होते हैं। समाज को बेहतर बनाने और राष्ट्र के निर्माण में सर्वाधिक योगदान युवाओं का ही होता है।देश के स्वतंत्रता आंदोलन में युवाओं ने अपनी शक्ति का परिचय दिया था। भारत एक विकासशील और बड़ी जनसंख्या वाला देश है। यहां आधी जनसंख्या युवाओं की है। देश की लगभग 65 प्रतिशत जनसंख्या की आयु 35 वर्ष से कम है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत सबसे बड़ी युवा आबादी वाला देश है।यहां के लगभग 60 करोड़ लोग 25 से 30 वर्ष के हैं। यह स्थिति वर्ष 2045 तक बनी रहेगी। विश्व की लगभग आधी जनसंख्या 25 वर्ष से कम आयु की है। अपनी बड़ी युवा जनसंख्या के साथ भारत अर्थव्यवस्था नई ऊंचाई पर जा सकता है।परंतु इस ओर भी ध्यान देना होगा कि आज देश की बड़ी जनसंख्या बेरोजगारी से जूझ रही है। भारतीय संख्यिकी विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश में बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ रही है। देश में बेरोजगारों की संख्‍या 11.3 करोड़ से अधिक है। 15 से 60 वर्ष आयु के 74.8 करोड़ लोग बेरोजगार हैं, जो काम करने वाले लोगों की संख्‍या का 15 प्रतिशत है। जनगणना में बेरोजगारों को श्रेणीबद्ध करके गृहणियों, छात्रों और अन्‍य में शामिल किया गया है। यह अब तक बेरोजगारों की सबसे बड़ी संख्‍या है।वर्ष 2001 की जनगणना में जहां 23 प्रतिशत लोग बेरोजगार थे, वहीं 2011 की जनगणना में इनकी संख्‍या बढ़कर 28 प्रतिशत हो गई। बेरोजगार युवा हताश हो जाते हैं।ऐसी स्थिति में युवा शक्ति का अनुचित उपयोग किया जा सकता है।हताश युवा अपराध के मार्ग पर चल पड़ते हैं। वे नशाख़ोरी के शिकार हो जाते हैं और फिर अपनी नशे की लत को पूरा करने के लिए अपराध भी कर बैठते हैं।इस तरह वे अपना जीवन नष्ट कर लेते हैं।देश में हो रही 70 प्रतिशत आपराधिक गतिविधियों में युवाओं की संलिप्तता रहती है।

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