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जीत तो मिली मगर हिंदी पट्टी के हिन्दुओं का तगड़ा सन्देश

नई दिल्ली:-  400 पार का दावा करने वाली BJP इस बार अपने ही मैदान में एक बड़ा मोर्चा हार गई। उत्तर भारत के 10 हिंदी भाषीय राज्यों में पार्टी ने 55 सीटें गवां दीं। नतीजा ये निकला कि BJP लोकसभा चुनाव-2024 में अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं कर पाई।मंगलवार रात 10 बजे तक BJP कुल 240 सीटों पर  जीत चुकी थी। 2019 में BJP ने 303 सीटें जीती थीं। यानी कुल 63 सीटों का नुकसान हुआ।

*बड़े-बड़े दावा करने वाले भी हुए फिसड्डी

कुछ हॉट सीटों की बात करें तो या चुनावी मैदान में बड़े-बड़े दावा करने वाले दावेंदार भी भी इस चुनाव में फिसड्डी हो गए।

लखनऊ लोकसभा सीट पर अधिकतर चुनाव में भाजपा का राज रहा है। रक्षा मंत्री एवं भाजपा उम्मीदवार राजनाथ सिंह अपनी परंपरागत लखनऊ संसदीय सीट से लगातार तीसरी बार चुनाव जीत तो गए है मगर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के रविदास मेहरोत्रा को बहुत मामूली वोटों से पराजित कर पाए है।

स्मृति ईरानी को अमेठी से मिली हार 

उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट करारा झटका लगा है। बीजेपी लीडर और टीवी एक्ट्रेस रहीं स्मृति ईरानी इस सीट से चुनाव हार गई हैं। 1 लाख 67 हजार 196 वोटों के अंतर से उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी के.एल. शर्मा के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी है। टीवी सीरियल क्योंकि सास भी कभी बहू थी से फैंस के दिलों में खास जगह बनाने वालीं अभिनेत्री स्मृति ईरानी ने राजनीति में जोरदार एंट्री के साथ आगाज किया था। लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 में उनकी किस्मत नहीं चमक पाई और वो अपनी संसदीय सीट अमेठी को गंवा बैठी हैं।

हैदराबाद से माधवी लता चुनाव हार गई

हैदराबाद सीट से AIMIM के असदुद्दीन औवैसी के खिलाफ मैदान में उतरीं माधवी लता चुनाव हार गई हैं। वहीं, तमिलनाडु के कोयंबटूर सीट से बीजेपी के अन्नामलाई पीछे हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र की अमरावती सीट से BJP के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ीं नवनीत राणा भी हार की कगार पर हैं। यानी ये बीजेपी के वो नेता हैं, जिन पर पार्टी ने भरोसा जताते हुए पहली बार टिकट दिया था। हालांकि, सभी ने निराश ही किया है।

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