दिल्ली:दिल्ली में हवा की खराब गुणवत्ता के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने बढ़ते हवा प्रदूषण को लेकर चिंता जाहिर की। अदालत ने कहा कि प्रदूषण के साथ ही अब कोरोना का खतरा भी बढ़ता जा रहा है।सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या दिल्ली में कंस्ट्रक्शन बैन के बावजूद सेंट्रल विस्टा पर काम चल रहा है? वह केंद्र से पूछेगा कि क्या सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में निर्माण कार्य जारी रखने से धूल प्रदूषण बढ़ रहा है। अदालत ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से यह बताने के लिए कहा कि दिल्ली में प्रोजेक्ट के कारण वायु प्रदूषण को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए। यहां दी गई तस्वीर दिल्ली के हौज खास इलाके से हैं। दिल्ली में दिन-प्रतिदिन प्रदूषण का खतरा बढ़ता जा रहा है। वायु प्रदूषित होती चली जा रही है।कोर्ट ने कहा कि अगर राज्य सरकारें वायु प्रदूषण पर केंद्र और आयोग की ओर से जारी निर्देशों का पालन नहीं करती हैं, तो वह प्रदूषण को कम करने के कदम उठाने के लिए टास्क फोर्स का गठन करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकारों से वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी। इसे लेकर दिल्ली में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की ओर से गाइडलाइन जारी की गई थी।सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को राजधानी में पेड़-पौधे लगाने के लिए योजना तैयार करने का निर्देश दिया और कहा कि यह योजना 12 हफ्ते के भीतर कोर्ट के सामने पेश की जाए। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को फेज-IV मेट्रो विस्तार परियोजना को लेकर पेड़ों को काटने के लिए मुख्य वन संरक्षक की इजाजत लेने का निर्देश दिया।