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मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र से टिकट को लेकर समाजवादी पार्टी का नेतृत्व असमंजस में

मेरठ:- मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र से टिकट को लेकर समाजवादी पार्टी का नेतृत्व असमंजस में है। अभी तक दो बार टिकट बदला जा चुका है। अब फिर से टिकट को लेकर चल रही अटकलों से सपा नेताओं की धड़कन तेज हो गई है।

गुरुवार को नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन होने के कारण बुधवार की रात तक उम्मीदवार के बारे में फाइनल निर्णय होना है। इसके लिए सभी दावेदारों ने लखनऊ में डेरा डाला हुआ है।

मेरठ-हापुड़ सीट पर समाजवादी पार्टी अपना उम्मीदवार तय नहीं कर पा रही है। 15 मार्च को दलित समाज के भानुप्रताप सिंह को सपा ने उम्मीदवार बनाया था। मूलरूप से बुलंदशहर के रहने वाले भानुप्रताप सिंह गाजियाबाद के साहिबाबाद क्षेत्र में राजेंद्र नगर में रहते हैं। दलित वर्ग से आने वाले भानुप्रताप को उम्मीदवार बनाते ही सपा में संघर्ष छिड़ गया और टिकट के सभी दावेदारों ने पार्टी आलाकमान के पास डेरा डाल दिया। भानुप्रताप को बाहरी उम्मीदवार होने, अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी चलाने, मेरठ में कोई सियासी सरोकार नहीं होने की बात कहकर विरोध किया।

मेरठ से टिकट चाहने वालों में शहर विधायक रफीक अंसारी, सरधना विधायक अतुल प्रधान, किठौर विधायक शाहिद मंजूर, हस्तिनापुर के पूर्व विधायक योगेश वर्मा, सपा जिलाध्यक्ष विपिन चौधरी, नीरज पाल आदि है। टिकट घोषित होने के बाद भानुप्रताप केवल एक बार मेरठ आए। नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के बाद उनके नाम से नामांकन फार्म भी लिया गया था। सोमवार को शहर विधायक रफीक अंसारी ने भी नामांकन फार्म खरीदवाया था। मंगलवार को पूर्व विधायक योगेश वर्मा ने अपनी पत्नी पूर्व महापौर सुनीता वर्मा के नाम से नामांकन फार्म खरीदवाया। इसके साथ ही सपा से आकिल मुर्तजा ने भी नामांकन फार्म खरीदा। सोमवार की रात सपा ने भानुप्रताप सिंह का टिकट काटकर सरधना विधायक अतुल प्रधान को उम्मीदवार घोषित कर दिया।

सपा में अब अतुल प्रधान का टिकट होल्ड पर होने का मैसेज वायरल हो रहा है तो सभी टिकट के दावेदार भी लखनऊ में टिके हुए हैं। पूर्व उम्मीदवार भानुप्रताप सिंह और पूर्व विधायक योगेश वर्मा भी टिकट होल्ड पर होने का दावा करते हुए उम्मीदवारी में बदलाव होने की बात कह रहे हैं। सपा का एक गुट दलित का टिकट काटकर दलित उम्मीदवार को ही देने की बात कह रहा है तो कुछ मुस्लिम उम्मीदवार उतारने की वकालत कर रहे हैं। ऐसे में पार्टी आलाकमान के असमंजस ने पार्टी नेताओं की धड़कन बढ़ाई हुई है। बुधवार की रात तक टिकट को लेकर फाइनल निर्णय होने की बात कही जा रही है। जबकि विधायक अतुल प्रधान का कहना है कि पार्टी उन्हें ही सिंबल देगी।

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