रांची (झारखंड):- झारखंड के मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन के फ्लोर टेस्ट के दौरान झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, “मैं आज इस सदन में चम्पाई सोरेन के विश्वास मत का हिस्सा बन रहा हूं। हमारी पूरी पार्टी और गठबंधन दल चम्पाई सोरेन को समर्थन करता है। 31 जनवरी की काली रात, काला अध्याय देश के लोकतंत्र में नए तरीके से जुड़ा है। मेरे संज्ञान में 31 तारीख की रात को देश में पहली बार किसी मुख्यमंत्री की गिरफ़्तारी हुई है। मुझे लगता है इस घटना को अंजाम देने में कहीं न कहीं राजभवन भी शामिल है और जिस तरीके से यह घटित हुआ उससे मैं चकित हूं।”
“यह झारखंड है, यह देश का एक ऐसा राज्य है जहां हर कोने में आदिवासी-दलित वर्गों से अनगिनत सिपाहियों ने अपनी कुर्बानी दी है। ED-CBI-IT जिन्हें देश के विशेष और काफी संवेदनशील व्यवस्थाएं कहीं जाती हैं। जहां करोड़ों रुपए डकार कर इनके सहयोगी विदेश में जा बैठे हैं, उनका एक बाल बांका करने की इनके पास औकात नहीं है। इनके पास औकात है तो देश के आदिवासी दलित-पिछड़ों और बेगुनाहों पर अत्याचार करना। अगर है हिम्मत तो सदन में कागज पटक कर दिखाए कि यह साढ़े 8 एकड़ की ज़मीन हेमंत सोरेन के नाम पर है, अगर हुआ तो मैं उस दिन राजनीति से अपना इस्तीफा दे दूंगा।”
“मुझे कोई गम नहीं कि मुझे आज ED ने पकड़ा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा का उदय झारखंड के मान, सम्मा, स्वाभिमान को बचाने के लिए हुआ है और जो भी बुरी नज़र डालेगा उसे हम मुंह तोड़ जवाब देंगे। मैं आंसू नहीं बहाऊंगा, आंसू वक्त के लिए रखूंगा, आप लोगों के लिए आंसू का कोई मोल नहीं।”