चिन्यालीसौड़ (उत्तराखंड):– उत्तरकाशी सुरंग से सफलतापूर्वक बचाए गए 41 श्रमिकों में से एक श्रमिक विश्वजीत कुमार वर्मा ने कहा, “जब मलबा गिरा तो हमें पता चल गया कि हम फंस गए हैं। सभी हमें निकालने के प्रयास में लगे रहे।
हर तरह की व्यवस्था की गई। ऑक्सीजन की, खाने-पीने की व्यवस्था की गई। पहले 10-15 घंटे हमें दिक्कत का सामना करना पड़ा बाद में पाइप के द्वारा खाना उपलब्ध कराया गया। बाद में माइक लगाया गया था और परिवार से बात हो रही थी। अब मैं खुश हूं।”
वहीं दूसरे श्रमिक सुबोध कुमार वर्मा ने बताया, “हमें वहां (सुरंग) पर 24 घंटों तक खान-पान और हवा से संबंधित परेशानी हुई। इसके बाद पाइप के द्वारा खाने-पीने की चीज़ें भेजी गईं। मैं स्वस्थ हूं कोई परेशानी नहीं है। केंद्र और राज्य सरकार की मेहनत थी जिस वजह से मैं निकल पाया।”
अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने कहा, “हम शांत थे और हम जानते थे कि वास्तव में हमें क्या करना है। हमने एक अद्भुत टीम के रूप में काम किया। भारत के सर्वश्रेष्ठ इंजीनियर, सेना सभी एजेंसियां… इस सफल मिशन का हिस्सा बनना खुशी की बात है।”
PMO के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा, “इन 41 श्रमिकों ने जो हौसला दिखाया, उससे प्रेरणा मिलती है कि विपदा आती हैं लेकिन आदमी को हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। उनकी हिम्मत ने हमारा हौसला बढ़ाया और हम ये काम कर सके।”