Archaeologists unearth clues दक्षिण अफ़्रीका:- दक्षिण अफ़्रीका से प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार सेनेगल के थियारोये कब्रिस्तान में हाल ही में खुदाई के दौरान फ्रांसीसी औपनिवेशिक नरसंहार के सबूत मिले हैं। यह नरसंहार द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुआ था जब फ्रांसीसी औपनिवेशिक बलों ने अफ़्रीकी सैनिकों पर गोलीबारी की थी जिन्होंने अपनी सेवा के बदले में भुगतान और समानता की मांग की थी।
क्या है थियारोये नरसंहार?
थियारोये नरसंहार 1 दिसंबर 1944 को हुआ था, जब फ्रांसीसी औपनिवेशिक बलों ने थियारोये सैन्य शिविर में अफ़्रीकी सैनिकों पर गोलीबारी की थी। इस नरसंहार में 35 से 400 लोगों की मौत हुई थी लेकिन सटीक संख्या अभी भी अज्ञात है। फ्रांसीसी सरकार ने हमेशा इस नरसंहार की जिम्मेदारी से इनकार किया है लेकिन हाल के वर्षों में फ्रांस ने अपनी गलती स्वीकार की है।
खुदाई में क्या मिला?
हाल ही में थियारोये कब्रिस्तान में खुदाई के दौरान पुरातत्वविदों ने सात शवों के अवशेष पाए हैं जिनमें से एक शव में हृदय के पास गोली लगी हुई थी। इसके अलावा, कुछ शवों में लोहे की जंजीरें भी पाई गई हैं जो यह दर्शाती हैं कि इन सैनिकों को बंधक बनाकर रखा गया था।
सेनेगल की मांग
सेनेगल की सरकार ने फ्रांस से इस नरसंहार के लिए माफी मांगने और सच्चाई का पता लगाने की मांग की है। सेनेगल के राष्ट्रपति बासिरोउ डियोमाये फे ने कहा है कि फ्रांस को अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए और पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा देना चाहिए।
फ्रांस की प्रतिक्रिया
फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने हाल ही में एक पत्र में इस नरसंहार को “नरसंहार” बताया है और कहा है कि फ्रांस अपनी गलती को स्वीकार करता है। मैक्रों ने यह भी कहा है कि फ्रांस सेनेगल के साथ मिलकर इस नरसंहार की सच्चाई का पता लगाने के लिए काम करेगा।






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