नई दिल्ली :- आचार्य चाणक्य भारत के महान विद्वानों में से एक थे, आज भी उनके द्वारा लिखी गई नीति मानव जीवन में एक अहम रोल अदा करती है। उन्होंने नीति शास्त्र में मनुष्य जीवन के कई ऐसे मर्म बताए हैंए जिन्हें समझ कर कोई भी व्यक्ति आसानी से अपने जीवन को खुशहाल और सफल बना सकता है।
आचार्य चाणक्या नीतिशास्त्र में पुरुषों से जुड़े गुणों का जिक्र करते हुए बताते हैं कि अगर किसी पुरुष में कुत्ते के सामान 5 गुण आ जाए तो उससे उसकी स्त्री हमेशा उस व्यक्ति से बहुत संतुष्ट रहती है।
चाणक्य वर्णन करते हुए बताते है कि आम व्यक्ति में इन पांचों गुणों का मिलना मुश्किल है लेकिन वह इन गुणों को अपने में डाल सकता है। आपको बता दें कि ऐसे गुणों वाला पुरुष परिवार में खुशी को बनाये रहता है और सम्पन्न रहता है। तो आज हम आपको इस आर्टिकल में बताने वाले है कि कौन.कौन से वो गुण हैं जो पुरुष को ये काबलियत देते हैं।
संतुष्ट रहना
नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पुरुष को यथाशक्ति परिश्रम करना चाहिए और उससे जो धन या फल मिले उससे संतुष्ट व खुश रहना चाहिए।
जिस तरह से कुत्ता एक समय में जितना भोजन मिलता हैए उतने में ही संतुष्ट हो जाता है। उसी तरह पुरुषों को मेहनत से अर्जित इस धन से ही परिवार का पालन पोषण कर संतुष्ट रहना चाहिए। जिन पुरुषों में यह गुण होता हैए वे अपने जीवन में जरूर सफलता हासिल करते हैं।
सतर्क रहना
जिस तरह से कुत्ता अगर गहरी नींद में होने के बादजूद भी सतर्क रहते हैं। वैसे ही पुरुष को भी हमेशा अपने परिवार स्त्री और कर्तव्यों को लेकर हमेशा सतर्क रहना चाहिए।हमेशा परिवार व खुद की सुरक्षा के लिए शत्रुओं के सदा सावधान रहे।
आप चाहे कितनी भी गहरी नींद में क्यों ना हो हमेशाआहट पर जागने का गुण होना चाहिए। यानि की मुश्किल में हमेशा संतर्क रहे। मर्द में अगर ये गुण है तो पत्नी हमेशा खुश रहती है।
वफादारी
नीति शास्त्र में लिखा गया है कि जिस तरह कोई कुत्ते की वफादारी पर शक नहीं कर सकता है। उसी तरह पुरुष को भी अपने परिवार और कार्य के प्रति हमेशा वफादार होना चाहिए।
जो पुरुष किसी भी अनजान महिलाओं को देखकर भी लालायित हो जाता है। उसके घर में हमेशा ही कलह बनी रहती है। ऐसे गुण वाले पुरुषों से स्त्री कभी खुश नहीं रहती है। क्योंकि पत्नी अपने पति की वफादारी से ही आनंदित यानि की खुश रहती है।
वीरता
आचार्य कहते हैं कुत्ता निडर और वीर प्राणी होता है। साथ ही वह अपने मालिक का वफादार भी होता है। वो इस वफादारी में अपने मालिक की रक्षा के लिए अपनी जान तक गंवा सकता है।
कुत्ते की तरह पुरुषों को भी वीर होना चाहिए साथ ही सहासी। ताकि जब जरुरत पड़ने पर अपनी पत्नी और परिवार के लिए अपनी जान दाव पर लगाने से भी पीछे नहीं हटना चाहिए।
संतुष्ट रखना
आचार्य चाणक्य नीति शास्त्र में लिखते है कि पुरुष का पहला दायित्व है अपनी पत्नी को हर तरह से संतुष्ट रखना। चाणक्या कहते है कि जो पुरुष शारीरिक और मानसिक रूप से अपनी पत्नी को संतुष्ट रखते हैं उनकी पत्नी हमेशा खुश रहती है। ऐसा करने वाला पुरुष हमेशा अपनी पत्नी का प्रिय बना रहता है।