सोनभद्र से विवेक मिश्रा की स्पेशल रिपोर्ट
सोनभद्र (उत्तर प्रदेश):- साल भर से इस पावन पर्व के आने का इंतजार सभी गुरु भक्तों को रहता है। परमहंस आश्रम का सबसे पावन पर्व गुरु पूर्णिमा का ही विशेष महत्व होता है। परमहंस आश्रम शक्तेषगढ़ चुनार मिर्जापुर में गुरु पूर्णिमा के मद्देनजर तैयारियां काफी जोरों से की जा रही है।
गुरु और शिष्य का पवित्र पावन पर्व गुरु पूर्णिमा पर देश के कोने -कोने से एवं विदेशों से भी तमाम भक्तजनों की आने का सिलसिला शुरू हो चुका है। गुरु महाराज के पावन चरणों में शीश नवा कर आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए चरण-रज को सिर माथे पर चढ़ाने के लिए आश्रम में लाखों भक्तों का हुजूम उमड़ता है।
आश्रम के वरिष्ठ संत नारद महाराज जी के अनुसार इस गुरु पूर्णिमा पर लगभग 20 लाख भक्तों के आगमन की उम्मीद बताई जा रही है एवं देश के कोने -कोने से 20हजार संत महात्माओं का भी जत्था 15 दिनों से परमहंस आश्रम में पधार कर गुरु पूर्णिमा के पावन कुंभ में स्वामी अड़गड़ानंद जी महाराज का दिव्य- दर्शन सत्संग ,भजन ,कीर्तन साथ ही सोहम महाराज, लाले महाराज, राम महाराज उर्फ मडई महाराज आशीष बाबा इत्यादि कार्यक्रमों को किया जाएगा आश्रम के संत महात्मा एवं भक्तगण अभी से तैयारियां शुरू कर दिए हैं। इस तैयारी में कोई बाहरी मजदूर का अब तक ना लगाया जाना आश्रम के महात्माओं का स्वयं कार्य करने का अनोखा रिकॉर्ड कायम है। भीषण गर्मी एवं चिलचिलाती धूप की तपिश के मध्य महात्मा स्वयं भक्तों को किसी भी प्रकार की कठिनाई ना होने पाए इसके लिए जी- तोड़ मेहनत कर रहे हैं। समय-समय पर स्वामी अड़गड़ानंद जी महाराज द्वारा कराए जा रहे कार्यों का निरीक्षण एवं आवश्यक दिशा- निर्देश भी दिया जाता है। भक्त जनों की विशेष सुविधा के लिए वैकल्पिक चिकित्सा सेवा केंद्र 24 घंटे क्रियाशील रहेगा। आश्रम द्वारा लगभग 2000 स्वयंसेवी ओं की तैनाती की जा चुकी है जिसमें परम पूज्य स्वामी अड़गड़ानंद जी महाराज की फोटो सहित परिचय पत्र होगा। राजगढ़ वाया चुनार के बीच में शक्तेशगढ़ के दोनों ओर 5 किलोमीटर पूर्व ही वाहनों का काफिला खड़ा होगा परमहंस आश्रम शक्तेशगढ़ रात्रि में झालरों की लाइट से मानो ऐसा प्रतीत हो रहा हो सितारे स्वयं जमीन पर उतर आए हो। भक्तजनों को किसी भी प्रकार की कठिनाई ना होने पाए इसके लिए 5 किलोमीटर पूर्व ही आश्रम के दोनों तरफ बांस – वलियों के सहारे विद्युत व्यवस्था सुलभ कराई जा रही है परमहंस आश्रम की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि गुरु- पूर्णिमा पर सभी भक्तों के ऊपर स्वामी जी की दृष्टि में एक समान है। अन्य जगहों की भांति इस आश्रम में ना तो कोई वीवीआईपी पास जारी किया जाता है। ना ही विशेष व्यक्तियों के लिए अलग से व्यवस्था की जाती है। आश्रम में पधारे सभी भक्तों एक समान दर्शन -पूजन प्रसाद ग्रहण एवं ठहरने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाती है। जो स्वयं में एक अनोखा रिकॉर्ड है। स्वामी अड़गड़ानंद जी महाराज की कृपा दृष्टि सभी भक्तों पर एक समान बरसती रहती है। इस पर्व पर भक्तों का हुजूम किसी कुंभ मेले से कम देखने में नहीं लगता है। आश्रम में आए हुए भक्तों को प्रसाद के रूप में 500 कुंटल आटे द्वारा पूरी और हलवा के रूप में प्राप्त होगा। आगामी 3 जुलाई को परम पूज्य सदगुरुदेव भगवान का दिव्य- दर्शन प्रात: से ही संत महात्माओं के साथ शुरू होकर देर शाम तक चलेगा।