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सोनभद्र में जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा वनाधिकार अधिनियम के तहत किया गया पट्टा का वितरण

सोनभद्र से विवेक मिश्रा/श्याम जी पांडे की स्पेशल रिपोर्ट

सोनभद्र (उत्तर प्रदेश):- महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, अद्भुत योद्धा, आदिवासी समाज में नवचेतना के सूत्रधार भगवान बिरसा मुण्डा जी की जयन्ती ‘‘जनजातीय गौरव दिवस ’’ के अवसर पर मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ के द्वारा जनजाति उत्पादों एवं विभागीय योजनाओं के स्टालों का अवलोकन कर, वनाधिकार अधिनियम-2006 के अन्तर्गत पट्टा वितरण एवं 575 करोड़ रूपये की 233 विकास परियोजनाओं का सेवा समर्पण संस्थान, सेवाकुंज आश्रम, बिरसा मुण्डा विद्यापीठ कारीडाड़ चक-चपकी सोनभद्र में लोकार्पण व शिलालान्यास किया गया। इस अवसर पर संजीव कुमार गौंड़ राज्यमंत्री, असीम अरूण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं कल्याण, सांसद पकौड़ीलाल कोल, सांसद राज्यसभा रामसकल, विधायक डाॅ0 अनिल कुमार मौर्य, भूपेश चौबे, रामदुलार, सदस्य विधान परिषद श्याम नाराण सिंह/विनीत सिंह, आशुतोष सिन्हा, लाल बिहारी यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष राधिका पटेल, सेवा समर्पण संस्थान के अध्यक्ष एस0एन0राय, प्रमुख सचिव समाज कल्याण डाॅ0 हरिओम कुमार, ए0जी0डी0 वाराणसी जोन राम कुमार, विन्ध्याचल मण्डलायुक्त योगेश्वर राम मिश्र, पुलिस उप महानिरीक्षक आर0पी0 सिंह, जिलाधिकारी चन्द्र विजय सिंह, पुलिस अधीक्षक यशवीर सिंह, मुख्य विकास अधिकारी सौरभ गंगवार, अपर जिलाधिकारी- सहदेव कुमार मिश्र, आशुतोष दूबे की गौरवमयी उपस्थिति रहीं।

मुख्यमंत्री जी ने ‘‘यह धरती हमारी है, हम इसके रक्षक हैं, का उद्घोष करने वाले भगवान बिरसा मुण्डा जी की प्रतिमा का अनावरण करते हुए उनको श्रद्धा भाव से श्रद्धांजलि अर्पित किया। सेवाकुंज आश्रम में सेवासंस्थान व वनाधिकार समिति के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर जनजाति सामुदाय के शिक्षा, स्वास्थ्य व स्वावलम्बन की दिशा में अग्रसर कदम उठाने पर बल दिया गया। निदेशालय जनजाति विकास उत्तर प्रदेश लखनऊ, लोक एवं जनजाति कला एवं संस्कृतिक संस्थान, सेवा समर्पण संस्थान सेवाकुंज आश्रम व जिला प्रशासन के सहयोग व सौजन्य से लगाये गये जनजाति उत्पादों एवं विभागीय योजनाओं के स्टालों का मुख्यमंत्री जी ने अवलोकन करते हुए जनजाति सामुदाय के हस्तनिर्मित परम्परागत शैली में निर्मित अद्वितीय लोक शैली में बने उत्पादों की मुक्तकण्ठ से सराहना किया। इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित लोगों से जनजाति उत्पादों को प्रयोग कर उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने में योगदान देने का आह्वान किया। प्रदर्शनी अवलोकन के दौरान बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के स्टाल पर पहुंचकर माताओं की गोद भराई व शिशुओं को अन्नप्रासन संस्कार से आच्छादित करते हुए बच्चों को आत्मीय भाव से प्यार दुलार किया। अवलोकन के दौरान खाद्य प्रस्सकरण विभाग द्वारा लगाये गये ड्रैगन फू्रट के पेड़ व फलों का अवलोकन करते हुए जिलाधिकारी सोनभद्र से जानकारी प्राप्त करते हुए इसके उत्पादन के बढ़ावा पर बल दिया। उन्होंने पियार फल को तोड़ते हुए प्राप्त चिरौजी के बारे में जानकारी ली। इस दौरान प्रदर्शनी में जनजाति कलाकारों द्वारा प्रसिद्ध गौंड़ी नृत्य, शैला एवं गरज नृत्य का भाव पूर्ण प्रदर्शन किया गया।

मुख्यमंत्री जी ने उपस्थित गणों के साथ दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया, इस अवसर पर जनजातीय गौरव दिवस की मूलभावनाओं को साकार करते हुए जनजाति/आदिवासी कलाकारों द्वारा प्रसिद्ध करमा नृत्य, शैला नृत्य व थारू जनजाति की झिन्झी नृत्य का परम्परागत कला शैली को जीवंत किया गया। मंुख्यमंत्री जी ने दशकों से जनजातियों के वनाधिकार के मांग को साकार करते हुए वनाधिकार अधिनियम-2006 के अन्तर्गत सोनभद्र जनपद की राजकुमारी, रूकमणी,रामदास, अतवरिया, फूलपत्ती, गोरखपुर के परमात्मा, महाराजगंज के भगवानदास, बलरामपुर के चन्द्रकुमारी, बहराईच के पुट्टीलाल, बिजनौर के धन सिंह, मीरजापुर के लखपतिया, सहारानपुर के मांगा राम, चन्दौली के उदम सिंह, ललितपुर के बालचन्द्र,चित्रकूट के मुन्नी एवं गोण्डा के रोजनअली को अपने कर कमलों से पट्टा वितरण प्रमाण-पत्र उन्हें प्रदान किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने 575 करोड़ की 233 विकास परियोजनाओं को जनजाति क्षेत्र को समर्पण करते हुए लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।

बिरसा मुण्डा की पावन जयन्ती पर उन्होंने सभा में मानर वाद्य यंत्र में थाप मारकर जय जोहार के उद्घोष के साथ भगवान बिरसा मुण्डा को नमन किया। इस अवसर पर उन्होंने जनजातीय समाज की कला, संस्कृति व सभ्यता की इन्द्रधनुषीय छटा को समाहित करती ‘‘पुस्तक-काफी टेबल बुक’’ का विमोचन कर वनवासी समाज के गौरवशाली अतित के परम्परा को जीवंत किया। स्वतंत्रता संग्राम के समर में जनजातियों का प्रतिनिधित्व करने वाले बिरसा मुण्डा ने ब्रिटिश हुकुमत की जड़ें हिला दी थी, आज का यह दिवस जनजाति सामुदाय के साथ-साथ सभी भारतीयों को एकजुट होने व देश के विकास में योगदान करने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में उल्लिखित कुल 15 अनुसूचित जनजातियांे में से अकेले सोनभद्र में 13 जनजातियां निवास करती हैं, जो कि पूरे देश में भी अधिकतम जनजाति निवास करने वाला जिला है, उन्होंने कहा सोनभद्र जनपद को यह गौरव हासिल है कि मानव जाति के उद्गम/सृष्टि की रचना करने के समय से ही यहां के जनजाति प्रकृति के साथ जुड़कर अपने अस्तित्व को बचाये रखें हैं, उन्होंने बताते हुए प्रशंसा व्यक्त करते हुए कहा कि बांदा जनपद में स्थापित मेडिकल कालेज का नाम जनजाति सामुदाय की महारानी दुर्गावती के नाम से समर्पित किया गया है, उन्होंने प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री जी ने भगवान बिरसा मुण्डा जी के जयन्ती 15 नवम्बर को ‘‘जनजातीय गौरव दिवस’’ के रूप में मनाये जाने के निर्णय के साथ कि देश के लाखों जनजातियों के त्याग व बलिदान को सम्मान देते हुए रेखांकित किया। उन्होनंे कहा कि जनजाति सामुदाय धरती माता के साथ अपना सम्बन्ध जोड़कर वैदिक काल के उद्घोष- ‘‘माता भूमि,पुत्रोंअहं पृथिव्या’’ को चरितार्थ किया है, अर्थात धरती हमारी माता है, हम इसके पुत्र हैं, इसलिए हम सबको किसी भी प्रकार की धरती/प्रकृति को नुकसान नहीं करना है। हमारा जनजाति सामुदाय इन वनों का रंक्षक एवं संरक्षक भी है, हजारों वर्षोेें से गौरवशाली प्राकृतिक परम्परा के जनजाति प्रवाहक है। ब्रिटिश भारत में गुलामी के दिनों में जनजाति लोगों को हर अधिकारों से वंचित किया गया है, अधिकार का हक दिलाने में रानी दुर्गावती भगवान बिरसा मुण्डा आदि जनजाति नायकों ने अपना बलिदान दिया था। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के 42 वनवासी गांव को राजस्व गांव में परिवर्तित करते हुए आजादी के बाद पहली बार वहां पर पंचायत का चुनाव कराकर सभी को लोकतात्रिक अधिकारों के साथ केन्द्र व प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं-पी0एम0/सी0एम0 आवास, राशन कार्ड, सौभाग्यय योजना, स्कूल, उज्जवला योजना, पेंशन योजना, हर घर जल, शौचालय से लाभान्वित करते हुए आच्छादित किया।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिनका जो अधिकार है, उनको मिलना ही चाहिए, उसी दिशा में आज यहां उत्तर प्रदेश के 13 जिलों के 16 जनजाति भाई व बहनों को प्रतिकात्मक वनाधिकार का पट्टा प्रमाण-पत्र देते हुए जनपद सोनभद्र के कुल 3,934 जनजातियों को प्रमाण-पत्र दिया गया। इसी क्रम में पूरे प्रदेश में मा0 जनप्रतिनिधियों द्वारा कुल 23335 जनजातियों को अब तक वनाधिकार का पट्टा दिया गया है। उन्होंने प्रदेश के सभी जिला प्रशासन व वन विभाग व सम्बन्धित विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि जनजातियों को वनाधिकार का पट्टा देते हुए आवास व अन्य सुविधाओं से आच्छादित किया जायेगा। उन्होंने सड़क निर्माण में जिला प्रशासन, वन विभाग व जनप्रतिनिधियों को आपसी समन्वय से मिशन मोड में सड़क निर्माण में व्यवधान एन0ओ0सी0 को तत्काल निस्तारित करने का निर्देश दिया। उन्होंने एकलव्य विद्यालय, आश्रम पद्धति विद्यालय, अभ्यूदय योजना, नगरीय क्षेत्रों में आवासीय छात्रावास का निर्माण कर जनजाति परिवार के बच्चों को शिक्षा सुविधा मुहैया कराकर जनजाति सामुदाय को विकास के पथ पर अग्रसर किया जा रहा है।

उन्होंने अखिल भारतीय वनवासी सेवा आश्रम से सम्बद्ध सेवा समर्पण संस्थान की मुक्तकण्ठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि जिसने आजादी के बाद से ही अब तक वनवासी समाज को समाज की मुख्य धारा से जोड़ते हुए उन्हें प्रगति पथ पर अग्रसर किया। संस्थान ने अपने व्यक्तिगत खर्चों से जनजाति छात्रों को पठन-पाठय की उत्तम व्यवस्था देकर उन्हें सफल बनाकर देश के विकास में अप्रतिम योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने सेवा समर्पण संस्थान के कार्यों- छात्रावास, खेल केन्द्र, बालवाणी केन्द्र, चिकित्सा केन्द्र, श्रद्धा जागरण केन्द्र आदि विकास कार्यों को राष्ट्रीय महत्व के अभियान से जोड़ा। उन्होंने जनजाति बच्चों को उत्तम शिक्षा के साथ उन्हें कौशल स्कील से जोड़ने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार लगातार जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से जनजाति सामुदाय को उनका सम्पूर्ण परम्परागत अधिकार दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने सोनभद्र जिले के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि यहां वन औषधियों की खान है, जनपद के इको टूरिज्म व नैसर्गिक पर्यावरण के नये आयाम को भी उद्घाटित किया। उन्होंने यहां के जनजाति युवको को टूरिष्ट गाईड के रूप में प्रशिक्षित कर यहां के पर्यटन को नया आयाम देते हुए उन्हें आर्थिक स्वावलम्बी बनाने पर बल दिया। जनजाति समाज के आयुर्वेद के पुराने वैद्यो, औषधियों/जड़ी-बूटियों के विशेषज्ञों/जानकारों को आगे बढ़ाकर यहां के आयुर्वेद उत्पाद को प्रचारित व प्रसारित करने पर जोर दिया। उत्तर प्रदेश के जनजातियों के उत्थान, आर्थिक स्वावलम्बन के लिए केन्द्र व राज्य सरकार पूरी ईमानदारी के साथ प्रतिबद्ध होकर कार्य कर रही है। सोनभद्र जनपद के प्राकृतिक संसाधनों के साथ किसी भी प्रकार की आराजकता और माफियाओं से मुक्त करने के लिए सरकार कठोर कार्यवाही कर रही है। उन्होेंने जनजाति भाईयों व बहनों से अपने पूर्वजों की जमीन व धरोहरों को पूरी मुस्तैदी के साथ कायम रखने की अपील किया है।

इस मौके पर सेवा समर्पण संस्थान के सह संगठन मंत्री आनंद जी, सेवा समर्पण संस्थान के सह मंत्री आलोक कुमार चतुर्वेदी, आश्रम के प्रभारी कृष्ण गोपाल, संगठन मंत्री शिव प्रसाद, संरक्षक श्री लखन राम सहित पदाधिकारीगण व जनप्रतिनिधिगण उपस्थित रहें।

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