Dropadi murmu salary : द्रौपदी मुर्मू देश की नई राष्ट्रपति बन गई हैं। वह देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति हैं। देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली मुर्मू दूसरी महिला हैं। आज से सरकार के सभी काम उनके नाम से होंगे। आसान भाषा में कहें तो फैसले भले केंद्र सरकार लेगी लेकिन उस पर मुहर राष्ट्रपति की होगी। हालांकि, राष्ट्रपति बिना केंद्रीय मंत्रिमंडल की सलाह के अपनी शक्तियों को प्रयोग नहीं कर सकता है। इस सब के बावजूद उसके पास कुछ विवेकाधीन शक्तियों के साथ ही वीटो शक्तियां भी होती हैं।
राष्ट्रपति रहने के दौरान मुर्मू के पास कौन सी शक्तियां होंगी? किन संवैधानिक पदों पर नियुक्ति राष्ट्रपति करता है? मुर्मू कितनी बार इस पद के लिए चुनी जा सकती हैं? आइये जानते हैं….
कितनी बार राष्ट्रपति बन सकती हैं मुर्मू?
एक बार राष्ट्रपति चुने जाने के बाद, कोई हस्ती पांच साल तक इस पद पर रहती है। इसके बाद उसे दोबारा चुनकर आना होता है। पुनर्निर्वाचन की कोई सीमा नहीं होती है। यानी, कोई शख्स कितनी ही बार देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठ सकता है। हालांकि, अब तक केवल राजेंद्र प्रसाद एक से ज्यादा बार इस पद पर रहे हैं। देश के पहले राष्ट्रपति दो बार निर्वाचित हुए। वह 12 साल से अधिक अवधि तक इस पद पर रहे।
राष्ट्रपति को कितनी सैलरी मिलेगी?
राष्ट्रपति को हर महीने पांच लाख रुपये तनख्वाह के रूप में मिलते हैं। 2017 तक राष्ट्रपति को 1.5 लाख रुपये महीने तनख्वाह मिलती थी। 2018 में इसे बढ़ाकर पांच लाख कर दिया गया। तनख्वाह के साथ ही राष्ट्रपति को कई अतिरक्त अलाउंस मिलते हैं। इनमें जिंदगी भर के लिए मुफ्त चिकित्सा, आवास और उपचार सुविधा आदि शामिल है। राष्ट्रपति के आवास, स्टाफ, भोजन और मेहमानों की मेजबानी आदि पर सरकार हर साल करीब 2.25 करोड़ रुपये खर्च करती है। राष्ट्रपति तीनों सेनाओं का सुप्रीम कमांडर होता है। वह तीनों सेना प्रमुखों की नियुक्ति करता है। इसके साथ ही युद्ध और शांति काल का एलान भी राष्ट्रपति ही करते हैं। राष्ट्रपति राष्ट्रीय, राज्य और वित्तीय आपातकाल लगा सकता है। किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकता है।