Making of a ‘bada aadmi पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने के लिए कमर कस ली है। वह अपनी पुरानी सीट तारापुर से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। इस सीट से वह 15 वर्षों बाद चुनावी मैदान में उतरेंगे।
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चौधरी की राजनीतिक यात्रा
सम्राट चौधरी बिहार की राजनीति में एक जाना-माना नाम है। वह वर्तमान में बिहार के उपमुख्यमंत्री हैं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता हैं। वह दो बार विधायक और दो बार विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं।
चुनावी रणनीति
चौधरी की चुनावी रणनीति में जातिगत समीकरण और विकास के मुद्दे प्रमुख होंगे। वह अपने जातिगत आधार को मजबूत करने के लिए कुशवाहा समुदाय के मतदाताओं को लुभाने की कोशिश करेंगे। इसके अलावा वह बिहार के विकास के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं और नीतियों को भी प्रमुखता से उठाएंगे।
विपक्ष का हमला
हालांकि विपक्षी दल चौधरी पर हमला करने से नहीं चूक रहे हैं। राजद नेता तेजस्वी यादव ने चौधरी पर व्यक्तिगत हमला करते हुए कहा कि उनके पिता एक अपराधी हैं। इस पर चौधरी ने भी पलटवार किया और तेजस्वी को घेरने की कोशिश की।
चुनावी मैदान में चौधरी
चौधरी के लिए यह चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है। वह अपनी राजनीतिक साख बचाने के लिए मैदान में उतरेंगे। इसके अलावा वह अपनी पार्टी के लिए भी जीत हासिल करना चाहेंगे।






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