Kiran Rao on indie films’ नई दिल्ली: फिल्म निर्माता किरण राव ने इंडिपेंडेंट फिल्म्स की इकोनॉमिक्स पर सवाल उठाते हुए कहा है कि थिएटर ऑप्शन ज्यादातर लोगों के लिए नहीं खुला है। हाल ही में धर्मशाला इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2025 में एक मास्टरक्लास के दौरान किरण राव ने इंडिपेंडेंट फिल्म्स की चुनौतियों पर चर्चा की।
किरण राव ने क्या कहा?
किरण राव ने कहा, “हम सभी थिएटर में फिल्म देखने का अनुभव लेना चाहते हैं लेकिन थिएटर ऑप्शन ज्यादातर लोगों के लिए नहीं खुला है। क्या आप ₹150 खर्च करके ‘होमबाउंड’ जैसी फिल्म देखने जाएंगे?” किरण राव ने यह सवाल उठाकर इंडिपेंडेंट फिल्म्स की इकोनॉमिक्स पर सवाल उठाए हैं।
इंडिपेंडेंट फिल्म्स की चुनौतियां
किरण राव ने कहा कि इंडिपेंडेंट फिल्म्स को थिएटर में पहुंचाने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माताओं को अपनी फिल्मों को थिएटर में पहुंचाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है, और यह एक बड़ी चुनौती है।
ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने बदला परिदृश्य
किरण राव ने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने फिल्म उद्योग के परिदृश्य को बदल दिया है। उन्होंने कहा कि अब दर्शकों के पास फिल्में देखने के लिए अधिक विकल्प हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे थिएटर में फिल्म देखने के लिए पैसे खर्च करने को तैयार हैं।
किरण राव के फिल्मी करियर
किरण राव एक प्रसिद्ध फिल्म निर्माता हैं जिन्होंने ‘धोबी घाट’ और ‘लापता लेडीज’ जैसी फिल्मों का निर्देशन किया है। वह एक कार्यकारी निर्माता के रूप में भी काम कर चुकी हैं और उन्होंने कई इंडिपेंडेंट फिल्म्स को समर्थन दिया है।






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