BPCL नई दिल्ली:- भारत की दूसरी सबसे बड़ी रिफाइनर बीपीसीएल ने अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद रूसी तेल की जगह लेने के लिए 2 मिलियन बैरल अपर ज़ाकुम क्रूड खरीदा है। यह खरीद अडानी टोटल गैस लिमिटेड (एडीएनओसी) ट्रेडिंग से की गई है जो संयुक्त अरब अमीरात की राष्ट्रीय तेल कंपनी है।
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अमेरिकी प्रतिबंधों का प्रभाव
अमेरिका ने हाल ही में रूस के दो सबसे बड़े तेल उत्पादकों, रोसनेफ्ट और लुकोइल पर प्रतिबंध लगाए हैं। इन प्रतिबंधों के कारण भारतीय रिफाइनरों को रूसी तेल की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। बीपीसीएल ने पहले ही कहा था कि वह रूसी तेल केवल गैर-प्रतिबंधित संस्थाओं से खरीदेगी।
बीपीसीएल की खरीद
बीपीसीएल ने दिसंबर में लोड होने वाले 2 मिलियन बैरल अपर ज़ाकुम क्रूड की खरीद की है। यह खरीद बीपीसीएल के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि वह अपनी रिफाइनरियों के लिए कच्चे तेल की आपूर्ति सुनिश्चित करना चाहती है। बीपीसीएल महीने में 2 मिलियन मीट्रिक टन (14.66 मिलियन बैरल) तेल की खरीद करती है जिसमें से अधिकांश रूसी तेल होता है।
रूसी तेल की जगह लेने की योजना
बीपीसीएल ने कहा है कि वह रूसी तेल की जगह लेने के लिए अन्य स्रोतों से तेल खरीदेगी। कंपनी ने पहले ही अन्य देशों से तेल खरीदने के लिए समझौते किए हैं। बीपीसीएल का लक्ष्य है कि वह अपनी रिफाइनरियों के लिए कच्चे तेल की आपूर्ति सुनिश्चित करे और अमेरिकी प्रतिबंधों का पालन करे।
भारत की ऊर्जा सुरक्षा
भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है। देश ने हाल के वर्षों में रूस से तेल आयात बढ़ाया है जिससे अमेरिका और यूरोप के साथ तनाव बढ़ा है। बीपीसीएल की यह खरीद भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह देश को विविध ऊर्जा स्रोतों तक पहुंचने में मदद करेगी।






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