NIMHANS study बेंगलुरु:- राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्र विज्ञान संस्थान (निमहंस) द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध मानसिक स्वास्थ्य ऐप्स में गोपनीयता और गुणवत्ता की कमी है। इस अध्ययन में पाया गया कि अधिकांश ऐप्स में उपयोगकर्ता की गोपनीयता और डेटा सुरक्षा के संबंध में स्पष्ट नीतियां नहीं हैं।
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अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष
अध्ययन में पाया गया कि केवल 23% ऐप्स ने उपयोगकर्ताओं को आवश्यक होने पर पेशेवर सहायता लेने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा 40% ऐप्स में यह उल्लेख नहीं था कि वे उपयोगकर्ता के डेटा को कितने समय तक संग्रहीत रखेंगे। लगभग आधे ऐप्स में उपयोगकर्ताओं को अपना डेटा हटाने का विकल्प नहीं था।
मानसिक स्वास्थ्य ऐप्स की आवश्यकता
भारत में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है और ऐप्स इस समस्या का समाधान करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि ऐप्स की गुणवत्ता और गोपनीयता सुनिश्चित करना आवश्यक है।
निमहंस की सिफारिशें
निमहंस के अध्ययनकर्ताओं ने सिफारिश की है कि मानसिक स्वास्थ्य ऐप्स के लिए स्पष्ट नियामक ढांचे की आवश्यकता है ताकि उनकी गुणवत्ता और गोपनीयता सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने यह भी सिफारिश की है कि मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों को ऐप्स के विकास में शामिल किया जाना चाहिए ताकि वे उपयोगकर्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाली सहायता प्रदान कर सकें।
मानसिक स्वास्थ्य ऐप्स के लाभ
मानसिक स्वास्थ्य ऐप्स उपयोगकर्ताओं को अपने मानसिक स्वास्थ्य को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं। वे उपयोगकर्ताओं को अपने लक्षणों को ट्रैक करने तनाव को कम करने, और अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए सुझाव प्रदान कर सकते हैं।






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