एकता दिवस 2025 :- भारत के इतिहास में सरदार वल्लभभाई पटेल का नाम अदम्य साहस और अटूट एकता के प्रतीक के रूप में दर्ज है। उन्होंने जिस दृढ़ निश्चय और दूरदर्शिता से देश की रियासतों को एक सूत्र में बांधा वह कार्य इतिहास में अमर हो गया। आज उनकी 150वीं जयंती पर पूरा देश उन्हें नमन कर रहा है।
गुजरात के केवडिया में स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धांजलि अर्पित की। यह मूर्ति न केवल भारत के लौहपुरुष की याद दिलाती है बल्कि यह हमारे भीतर राष्ट्रीय एकता की भावना को भी मजबूत करती है। इस अवसर पर भव्य परेड का आयोजन किया गया जिसमें देश के कोने कोने से आए जवानों ने अपनी वीरता और अनुशासन का प्रदर्शन किया।
सरदार पटेल ने स्वतंत्र भारत की एकता के लिए जो प्रयास किए उन्होंने देश को बिखरने से बचाया। उन्होंने सैकड़ों रियासतों को समझौते और संवाद के माध्यम से भारत में मिलाया। उनकी सोच थी कि एक मजबूत राष्ट्र तभी बन सकता है जब सभी राज्य और समुदाय मिलकर एक दिशा में आगे बढ़ें।
राष्ट्रीय एकता दिवस का उद्देश्य भी यही है कि हर नागरिक अपने भीतर देश की एकता अखंडता और भाईचारे की भावना को जीवित रखे। स्कूलों कॉलेजों और सरकारी संस्थानों में आज विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। हर वर्ष 31 अक्टूबर हमें यह याद दिलाता है कि भारत की ताकत उसकी विविधता और एकता में निहित है।
सरदार पटेल का जीवन हमें यह सिखाता है कि अगर इच्छाशक्ति मजबूत हो तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। वे केवल एक नेता नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण के सच्चे शिल्पकार थे और उनकी प्रेरणा आने वाली पीढ़ियों को सदैव मार्ग दिखाती रहेगी।






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