हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों ने अक्सर यह देखा होगा कि कई एयरलाइंस में 13 नंबर की सीट दिखाई नहीं देती। यह बात कई लोगों के लिए आश्चर्य की होती है। असल में इसके पीछे दो मुख्य कारण बताए जाते हैं। पहला कारण है अंधविश्वास और दूसरा कारण है विज्ञान और सुरक्षा से जुड़ी वजह।
अंधविश्वास के अनुसार संख्या 13 को कई संस्कृतियों में अशुभ माना गया है। पुराने समय से लोग मानते हैं कि 13 नंबर वाली चीजों से बुरी घटनाएं होती हैं। यही वजह है कि एयरलाइंस ने यात्रियों की मानसिक शांति और आराम के लिए इस संख्या को सीट लेआउट में शामिल नहीं किया। यात्रियों की सुविधा और डर को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।
विज्ञान और सुरक्षा की दृष्टि से भी इसका महत्व है। हवाई जहाज में यात्रा करने वाले लोग मानसिक रूप से सुरक्षित महसूस करना चाहते हैं। अगर किसी को सीट नंबर 13 पर बैठने से डर या असहजता हो तो वह यात्रा का आनंद नहीं ले पाता। इसलिए एयरलाइंस ने इसे नजरअंदाज कर दिया। कई बार यह संख्या असुविधा या डर के कारण सीट की बुकिंग में समस्या पैदा कर सकती है।
इसके अलावा कई एयरलाइंस में संख्या को बदलकर 12A के बाद 14A कर दिया जाता है ताकि कोई भ्रम या डर पैदा न हो। यह कदम यात्री अनुभव को बेहतर बनाने और यात्रा को सुखद बनाने के लिए उठाया गया है।
इस प्रकार, फ्लाइट में 13 नंबर की सीट न होना केवल अंधविश्वास का परिणाम नहीं बल्कि यात्रियों की सुविधा और मानसिक शांति को ध्यान में रखकर किया गया एक व्यावहारिक कदम भी है। यात्रियों को बिना किसी तनाव और डर के अपनी यात्रा का आनंद लेने का अवसर मिलता है।






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