नई दिल्ली:- इस वर्ष के नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि विचार और संस्थाएं विकास को गति देती हैं। अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले डारोन एसिमोग्लू, साइमन जॉनसन और जेम्स ए रॉबिन्सन ने अपने शोध में दिखाया है कि संस्थाएं एक देश की समृद्धि को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
संस्थाओं का महत्व
नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने अपने शोध में दिखाया है कि संस्थाएं दो प्रकार की होती हैं – समावेशी और निष्कर्षणकारी। समावेशी संस्थाएं वे होती हैं जो लोकतंत्र, कानून के शासन और संपत्ति के अधिकारों की रक्षा करती हैं। ये संस्थाएं लोगों को नवाचार करने निवेश करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। दूसरी ओर निष्कर्षणकारी संस्थाएं वे होती हैं जो सत्ता में बैठे लोगों के हितों को बढ़ावा देती हैं और आम लोगों के अधिकारों का हनन करती हैं। ये संस्थाएं आर्थिक विकास को रोकती हैं और गरीबी को बढ़ावा देती हैं।
भारत और चीन की तुलना
नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने भारत और चीन की आर्थिक विकास की तुलना की है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है लेकिन इसकी आर्थिक विकास दर धीमी है। दूसरी ओर चीन ने एक अधिनायकवादी शासन के तहत तेजी से आर्थिक विकास किया है। हालांकि नोबेल पुरस्कार विजेता कहते हैं कि चीन की आर्थिक सफलता के पीछे इसके संस्थानों की गुणवत्ता एक महत्वपूर्ण कारक है।






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