नई दिल्ली :- अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नई वीजा नीति भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकती है जो अमेरिका में पढ़ाई या काम करने की योजना बना रहे हैं। इस नीति के तहत, एफ वीजा की वैधता को चार साल तक सीमित कर दिया गया है जिससे भारतीय पीएचडी और शोध छात्रों को परेशानी हो सकती है।
क्या हैं नई वीजा नीति के नियम?
– एफ वीजा की वैधता अब चार साल तक सीमित होगी जिससे छात्रों को हर चार साल में वीजा का नवीनीकरण कराना होगा।
– इससे भारतीय पीएचडी छात्रों को परेशानी हो सकती है जिनकी शोध अवधि आमतौर पर पांच से सात साल होती है।
– इसके अलावा ओप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (OPT) कार्यक्रम में भी बदलाव किए जा सकते हैं जिससे छात्रों को काम करने की अनुमति देने वाले नियम सख्त हो सकते हैं।
भारतीय छात्रों पर प्रभाव
– इस नीति से भारतीय छात्रों को अमेरिका में पढ़ाई और काम करने में परेशानी हो सकती है खासकर उन छात्रों को जो लंबे समय तक अमेरिका में रहना चाहते हैं।
– इससे भारतीय छात्रों को अपनी पढ़ाई और करियर की योजनाओं में बदलाव करना पड़ सकता है और वे अन्य देशों जैसे कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूके में अवसरों की तलाश कर सकते हैं।
– इसके अलावा इस नीति से भारतीय छात्रों को वित्तीय परेशानी भी हो सकती है क्योंकि उन्हें वीजा नवीनीकरण और अन्य शुल्कों के लिए अधिक पैसे देने पड़ सकते हैं।
वैकल्पिक विकल्प
– कनाडा: कनाडा एक आकर्षक विकल्प हो सकता है क्योंकि वहां की वीजा नीति अधिक उदार है और छात्रों को काम करने के अधिक अवसर प्रदान करती है।
– ऑस्ट्रेलिया: ऑस्ट्रेलिया भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है क्योंकि वहां की वीजा नीति छात्रों को काम करने और स्थायी निवास के लिए आवेदन करने की अनुमति देती है।
– यूके: यूके भी एक आकर्षक विकल्प हो सकता है क्योंकि वहां की वीजा नीति छात्रों को काम करने और स्थायी निवास के लिए आवेदन करने की अनुमति देती है।
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