वाशिंगटन (अमेरिका):- अमेरिका में एच वन बी वीजा से जुड़े नियमों में बदलाव ने भारतीय पेशेवरों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के बीच गहरी चिंता पैदा कर दी है। डोनाल्ड ट्रम्प के हालिया एलान के बाद अमेजन मेटा और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कुछ कर्मचारियों को चौबीस घंटे के भीतर अमेरिका लौटने का आदेश मिला है।
इन कंपनियों का मानना है कि नए नियम और बढ़ी हुई फीस विदेशी कर्मचारियों के लिए बड़ी बाधा साबित हो सकते हैं। मेटा और माइक्रोसॉफ्ट ने अपने स्टाफ को चौदह दिन तक अमेरिका से बाहर यात्रा न करने की सलाह दी है। वहीं अमेजन ने भी ईमेल भेजकर अपने कर्मचारियों को आगाह किया है कि वे देश छोड़ने से बचें अन्यथा उनके वीजा स्टेटस पर असर पड़ सकता है। इस अचानक लिए गए फैसले से भारतीय आईटी पेशेवर सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं क्योंकि वे बड़ी संख्या में एच वन बी वीजा पर अमेरिका में काम कर रहे हैं।
एच वन बी वीजा को अमेरिका में उच्च कौशल वाले पेशेवरों के लिए सबसे महत्वपूर्ण वीजा माना जाता है। खासकर भारतीय इंजीनियर सॉफ्टवेयर डेवलपर और टेक विशेषज्ञ इसी वीजा के जरिए अमेरिका में अवसर पाते हैं। लेकिन बढ़ती फीस और सख्त नियमों ने उनकी चिंताओं को दोगुना कर दिया है। कई विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर यह स्थिति लंबे समय तक बनी रही तो कंपनियों को अपने प्रोजेक्ट्स और भर्ती योजनाओं में बदलाव करना पड़ सकता है।
इस फैसले से अमेरिका की टेक इंडस्ट्री में अनिश्चितता का माहौल बन गया है। कंपनियों को डर है कि टैलेंट की कमी से उनकी प्रतिस्पर्धा कमजोर पड़ सकती है। वहीं भारतीय पेशेवर अब विकल्प के रूप में कनाडा यूरोप और एशिया के दूसरे देशों की ओर रुख करने पर विचार कर सकते हैं। यह संकट भविष्य में वैश्विक आईटी उद्योग की दिशा बदलने वाला साबित हो सकता है।
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