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Dastak Hindustan - एअर इंडिया विमान हादसे में बोइंग और हनीवेल पर मुकदमा परिजनों ने उठाया बड़ा कदम

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एअर इंडिया विमान हादसे में बोइंग और हनीवेल पर मुकदमा परिजनों ने उठाया बड़ा कदम

वाशिंगटन (अमेरिका):- एअर इंडिया विमान हादसा जिसने चार निर्दोष यात्रियों की जान ले ली थी अब कानूनी लड़ाई का रूप ले चुका है। पीड़ित परिजनों ने अमेरिका की अदालत में बोइंग और हनीवेल कंपनियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। परिजनों का आरोप है कि इस दुखद हादसे के लिए विमान में लगा दोषपूर्ण ईंधन कटऑफ स्विच जिम्मेदार था। इस स्विच की तकनीकी खामी ने यात्रियों की जिंदगी छीन ली और परिवारों को गहरे दर्द में धकेल दिया।

परिजनों ने अदालत में कहा कि विमानन कंपनियां यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का दावा करती हैं लेकिन हकीकत में उन्होंने ऐसा नहीं किया। उनका मानना है कि यदि विमान की तकनीकी जांच और रखरखाव सही समय पर और सही तरीके से किया जाता तो यह त्रासदी टल सकती थी। बोइंग और हनीवेल जैसी बड़ी कंपनियों से ऐसी लापरवाही की उम्मीद नहीं की जाती फिर भी यात्रियों की सुरक्षा से समझौता किया गया।

इस मामले में वकीलों का कहना है कि यह मुकदमा केवल चार परिवारों के लिए न्याय की लड़ाई नहीं है बल्कि यह पूरी दुनिया के उन यात्रियों के लिए चेतावनी है जो विमान से सफर करते हैं। जब तक बड़ी कंपनियों को उनकी जिम्मेदारी का एहसास नहीं कराया जाएगा तब तक ऐसे हादसे दोहराए जा सकते हैं।

अदालत में दायर किए गए दस्तावेजों के अनुसार दोषपूर्ण ईंधन कटऑफ स्विच की वजह से विमान ने अचानक नियंत्रण खो दिया और हादसा हुआ। इस तकनीकी कमी के लिए सीधे तौर पर निर्माण कंपनियों को जिम्मेदार ठहराया गया है। परिजनों ने कहा कि कंपनियों की लापरवाही के कारण परिवारों ने अपने प्रियजनों को हमेशा के लिए खो दिया।

इस मुकदमे ने न केवल एयरलाइन उद्योग बल्कि वैश्विक स्तर पर विमानन सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल यह है कि आखिर यात्रियों की सुरक्षा के नाम पर अरबों रुपये खर्च करने वाली कंपनियां इतनी गंभीर लापरवाही कैसे कर सकती हैं।

पीड़ित परिजनों का कहना है कि वे इस मुकदमे को आखिर तक लड़ेंगे और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाएंगे। उनका यह कदम आने वाले समय में विमानन उद्योग में सुरक्षा मानकों को और मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। अब सबकी निगाहें अमेरिकी अदालत पर टिकी हैं जहां से इस मामले का भविष्य तय होगा।

यह मुकदमा उन परिवारों की आवाज है जिन्होंने अपनों को खोया है और यह भी संदेश है कि यात्रियों की सुरक्षा के साथ किसी भी तरह का समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा।

 

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