नई दिल्ली :- बॉम्बे हाईकोर्ट ने साल 2008 में मालेगांव विस्फोट के पीड़ित परिवारों द्वारा दायर की गई अपील को स्वीकार कर लिया है। इस अपील में साध्वी प्रज्ञा, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सभी सात आरोपियों को बरी करने के फैसले को चुनौती दी गई है। दरअसल, कोर्ट ने प्रतिवादियों- राष्ट्रीय जांच एजेंसी और बरी किए गए आरोपियों को नोटिस जारी किया है। इस मामले की सुनवाई छह सप्ताह बाद निर्धारित की है।
पिछले हफ्ते दायर की गई थी याचिका
बता दें कि पिछले सप्ताह बॉम्बे हाईकोर्ट में एक अपील दायर की गई थी। इस अपील में दावा किया गया है कि दोषपूर्ण जांच या जांच में कुछ खामियां आरोपियों को बरी करने का आधार नहीं हो सकतीं। इसके साथ ही तर्क दिया गया कि विस्फोट की साजिश गुप्त रूप से रची गई थी और इसलिए इसका प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं हो सकता है।
याचिका में उठाया गया आरोपियों को बरी करने का मुद्दा
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि विशेष एनआईए अदालत द्वारा 31 जुलाई को सात आरोपियों को बरी करने का आदेश गलत और कानूनी रूप से अनुचित था और इसलिए इसे रद्द किया जाना चाहिए।
17 साल पहले दहल उठा था मालेगांव
उल्लेखनीय है कि 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के नासिक जिले में मुंबई से लगभग 200 किमोमीटर दूर मालेगांव शहर में एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल पर बंधे विस्फोटक उपकरण में ब्लास्ट हो गया था। इस ब्लास्ट में छह लोगों की जान गई थी। इस हादसे में 101 लोग घायल हुए थे।
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