सउदी अरब :- सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच एक अहम रक्षा समझौता हुआ है जिसने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। इस समझौते के तहत दोनों देशों ने यह तय किया है कि अगर किसी भी एक देश पर हमला होता है तो इसे दोनों देशों पर हमला माना जाएगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान में स्पष्ट किया गया कि यह समझौता सिर्फ सैन्य सहयोग तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि इसमें रणनीतिक साझेदारी और सुरक्षा मामलों पर भी गहरा सहयोग शामिल होगा।
पाकिस्तान और सऊदी अरब लंबे समय से घनिष्ठ संबंध साझा करते रहे हैं और दोनों देशों की एक दूसरे पर निर्भरता भी कम नहीं है। सऊदी अरब पाकिस्तान को ऊर्जा और आर्थिक मदद देता रहा है जबकि पाकिस्तान ने भी समय समय पर सऊदी अरब को सैन्य सहयोग प्रदान किया है। अब इस नए समझौते से दोनों देशों के रिश्ते और मजबूत हो जाएंगे और क्षेत्र में एक नई सुरक्षा धुरी बन जाएगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस समझौते का सीधा संदेश क्षेत्रीय शक्तियों खासकर भारत और ईरान की ओर भी जाएगा क्योंकि यह डील खाड़ी और दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकती है। पाकिस्तान को इससे कूटनीतिक मजबूती मिलेगी जबकि सऊदी अरब को पाकिस्तान जैसी बड़ी सैन्य शक्ति का साथ मिलेगा।
आलोचक इसे क्षेत्रीय तनाव बढ़ाने वाला कदम भी मान रहे हैं क्योंकि इससे पड़ोसी देशों की चिंता बढ़ना तय है। हालांकि दोनों देशों के नेताओं का कहना है कि यह समझौता सिर्फ शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया गया है और इसका उद्देश्य किसी भी देश के खिलाफ आक्रामकता नहीं है।
समझौता आने वाले समय में दक्षिण एशिया और खाड़ी क्षेत्र की राजनीति को गहराई से प्रभावित कर सकता है और इसे ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
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