नई दिल्ली :- भारतीय सेना ने हाल ही में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में एक बार फिर यह साबित कर दिया कि आतंक के खिलाफ उसकी कार्रवाई सिर्फ सीमाओं तक सीमित नहीं है बल्कि दुश्मन की जड़ तक पहुंचकर उसे खत्म करने की क्षमता रखती है। इस ऑपरेशन में जैश ए मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया। सबसे बड़ा असर तब सामने आया जब जैश कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी का कबूलनामा इंटरनेट पर वायरल हुआ जिसमें उसने साफ कहा कि मसूद अजहर का परिवार इस कार्रवाई में बुरी तरह तबाह हो गया।
यह स्वीकारोक्ति अपने आप में ऐतिहासिक है क्योंकि पहली बार किसी बड़े आतंकी संगठन का कमांडर खुले तौर पर यह मान रहा है कि भारतीय सेना ने उनकी ताकत को चूर चूर कर दिया। आतंक के पीछे खड़ा पाकिस्तान भले ही अंतरराष्ट्रीय मंचों पर झूठ फैलाता रहा हो लेकिन इस वीडियो ने उसके सारे दावों की पोल खोल दी।
ऑपरेशन सिंदूर का सबसे बड़ा संदेश यही है कि भारत अब आतंकवाद को सिर्फ सहन करने वाली स्थिति में नहीं है बल्कि वह तय कर चुका है कि आतंक की जड़ जहां होगी सेना वहां तक पहुंचेगी। यह रणनीति न केवल आतंकियों के मनोबल को तोड़ती है बल्कि उन लोगों को भी चेतावनी देती है जो अब भी आतंक के रास्ते पर चलने का सपना देख रहे हैं।
भारत की यह नीति स्पष्ट है कि वह शांति चाहता है लेकिन अगर किसी ने उसकी सुरक्षा और सम्मान को चुनौती दी तो उसका जवाब सीधा और निर्णायक होगा। ऑपरेशन सिंदूर ने न सिर्फ आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त किया बल्कि एक मनोवैज्ञानिक युद्ध भी जीता जिसमें दुश्मन खुद स्वीकार कर रहा है कि उसका अस्तित्व खतरे में है।
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