मुंबई (महाराष्ट्र):- देश इन दिनों मौसम की अजीबो गरीब स्थिति से जूझ रहा है। मुंबई में भारी बारिश ने सामान्य जीवन को ठप कर दिया है। सड़कों पर पानी भर गया है ट्रेनों और हवाई उड़ानों पर असर पड़ा है और लोगों को घरों से निकलना भी मुश्किल हो गया है। दूसरी ओर मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि दक्षिण पश्चिम मानसून ने पश्चिमी राजस्थान से अपनी वापसी शुरू कर दी है और यह समय से पहले हो रहा है। सामान्यतौर पर मानसून की वापसी सितंबर के अंतिम सप्ताह में दर्ज की जाती है लेकिन इस बार यह गतिविधि अपेक्षाकृत पहले देखी जा रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और वातावरण में हो रहे असामान्य बदलाव इसके पीछे बड़ी वजह हैं। कभी कहीं बादल फटने जैसी स्थिति बन रही है तो कहीं तेज धूप अचानक से झमाझम बारिश में बदल रही है। मुंबई में हो रही भारी बारिश और राजस्थान से मानसून की समयपूर्व वापसी इस विरोधाभासी प्रवृत्ति का ताजा उदाहरण है।
किसानों के लिए यह स्थिति चिंता का कारण बन रही है। जिन इलाकों में अधिक बारिश हो रही है वहां खेत डूबने का खतरा है जबकि जिन क्षेत्रों से मानसून विदा हो रहा है वहां समय से पहले सूखा पड़ सकता है। मौसम विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि इस तरह के बदलाव फसल चक्र को प्रभावित करेंगे और खाद्य सुरक्षा पर असर डाल सकते हैं।
आम लोगों के लिए यह मौसम न केवल असुविधा बल्कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी ला रहा है। लगातार नमी और गंदगी से डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इस अनिश्चित मौसम ने स्पष्ट कर दिया है कि अब हमें मौसम की पुरानी धारणाओं पर भरोसा नहीं करना चाहिए। प्रकृति की इस बदलती चाल के बीच सरकार और समाज दोनों को सतर्क रहना होगा और दीर्घकालिक समाधान पर विचार करना होगा।
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