नई दिल्ली:- भारत में वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है जिसमें कहा गया है कि निर्माताओं द्वारा डीलरों को दी जाने वाली पोस्ट-सेल डिस्काउंट पर जीएसटी नहीं लगेगा। यह निर्णय उन मामलों पर लागू होता है जहां डिस्काउंट प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण और बिक्री को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दिया जाता है।
क्या है पोस्ट-सेल डिस्काउंट?
पोस्ट-सेल डिस्काउंट वह डिस्काउंट है जो निर्माता डीलरों को बिक्री के बाद देते हैं। यह डिस्काउंट आमतौर पर प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण और बिक्री को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दिया जाता है।
जीएसटी परिषद का निर्णय
जीएसटी परिषद ने स्पष्ट किया है कि पोस्ट-सेल डिस्काउंट पर जीएसटी नहीं लगेगा, जब तक कि यह डिस्काउंट प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण और बिक्री को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दिया जाता है। हालांकि यदि डीलर प्रमोशनल गतिविधियों जैसे विज्ञापन अभियान, सह-ब्रांडिंग, और ग्राहक सहायता सेवाएं प्रदान करता है तो जीएसटी लागू होगा।
महत्वपूर्ण बिंदु
– इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी): डीलरों को आईटीसी का लाभ मिलेगा, भले ही वे पोस्ट-सेल डिस्काउंट प्राप्त करते हों।
– जीएसटी छूट: पोस्ट-सेल डिस्काउंट पर जीएसटी छूट का लाभ निर्माताओं और डीलरों दोनों को मिलेगा।
– प्रमोशनल गतिविधियों पर जीएसटी: यदि डीलर प्रमोशनल गतिविधियों में शामिल होता है, तो जीएसटी लागू होगा।
निर्णय का प्रभाव
जीएसटी परिषद के इस निर्णय से निर्माताओं और डीलरों को लाभ होगा, क्योंकि इससे उन्हें पोस्ट-सेल डिस्काउंट पर जीएसटी की बचत होगी। यह निर्णय व्यापार को बढ़ावा देने और अर्थव्यवस्था को गति देने में मदद करेगा।
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