लखनऊ (उत्तर प्रदेश):- राजधानी लखनऊ में पुलिस ने एक ऐसे ठग को गिरफ्तार किया है, जो खुद को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) का अधिकारी बताकर लोगों को धोखा दे रहा था। आरोपी की पहचान सौरभ त्रिपाठी के रूप में हुई है, जो खुद को ‘IAS सौरभ त्रिपाठी’ बताकर न सिर्फ अधिकारियों और आम लोगों पर रौब गांठ रहा था, बल्कि कई राज्यों के अलग-अलग जिलों में ठगी की वारदातों को अंजाम दे चुका है। वजीरगंज थाना क्षेत्र में कारगिल शहीद पार्क के पास संदिग्ध रूप से घूम रहे इस व्यक्ति को जब पुलिस ने चेकिंग के दौरान रोका, तो वह अपना आईएएस परिचय पत्र दिखाकर रौब झाड़ने लगा। लेकिन पुलिस को उसकी बातों और हाव-भाव पर शक हुआ। पूछताछ और दस्तावेजों की जांच में जब इनकनसेसीटस सामने आईं, तो उसे हिरासत में लेकर थाने लाया गया। आगे की जांच में उसके फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी के पास से छह महंगी चार पहिया गाड़ियाँ बरामद की गईं हैं, जिनमें एक डिफेंडर SUV, फॉर्च्यूनर, और इनोवा जैसी लग्ज़री गाड़ियाँ शामिल हैं। खास बात यह है कि इन सभी गाड़ियों पर सरकारी पास लगे हुए थे, जो प्रथम दृष्टया फर्जी पाए गए है।
गाड़ियों में वीआईपी नंबर प्लेट, ‘सरकार’ और ‘IAS’ लिखे हुए बोर्ड, और नीली बत्ती जैसे सामान लगे थे, जिनसे वह खुद को सरकारी अधिकारी साबित करता था। पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह इन गाड़ियों का इस्तेमाल अपने रुतबे को दिखाने और लोगों को भ्रमित करने के लिए करता था। पुलिस के अनुसार, आरोपी ने न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्यों में भी खुद को IAS अधिकारी बताकर लोगों को ठगा है। कहीं नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे वसूले, तो कहीं सरकारी ठेका दिलवाने का झांसा देकर लाखों रुपये ऐंठे। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि सौरभ त्रिपाठी ने फर्जी आईडी कार्ड, सरकारी लेटरहेड, और बॉर्डर पास बनवाए थे, जिनका उपयोग वह अफसरों और विभागों तक आसानी से पहुंचने के लिए करता था। वह खुद को कभी DM, कभी मंत्रालय का अधिकारी बताकर काम निकालता था। वजीरगंज थाने में आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, और सरकारी दस्तावेजों के दुरुपयोग की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि आरोपी के साथ और कौन-कौन लोग शामिल हैं। उसके मोबाइल फोन और लैपटॉप को भी जब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) ने प्रेस वार्ता में बताया,“यह मामला बेहद संवेदनशील है। आरोपी के पास से जो दस्तावेज और गाड़ियाँ बरामद की गई हैं, उनसे साफ पता चलता है कि वह लंबे समय से एक सुनियोजित तरीके से ठगी कर रहा था। हम अब इसकी आपराधिक पृष्ठभूमि और नेटवर्क की जांच कर रहे हैं।” पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि अगर कोई व्यक्ति खुद को वरिष्ठ सरकारी अधिकारी बताकर व्यक्तिगत लाभ के लिए दबाव बनाए या पैसे मांगे, तो तुरंत नजदीकी थाने में शिकायत करें। साथ ही, ऐसे किसी भी अधिकारी की पहचान की पुष्टि संबंधित विभाग से अवश्य करें।
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