अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) :- खबर अलीगढ़ से है। जहां भारी बारिश और हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण जिले के कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। जिसका सबसे अधिक असर टप्पल क्षेत्र में देखा जा रहा है जहां यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण आसपास के गांव जलमग्न हो गए हैं और खेतों में खड़ी फसलें पूरी तरह पानी में डूब चुकी हैं। आपको बताते चले प्रशासन ने लगातार हालात पर नजर बना रखा है साथ ही बाढ़ से बचाव के लिए तात्कालिक उपाय किए जा रहे हैं। ग्रामीण अपने स्तर पर भी राहत कार्यों में जुटे हुए हैं और मवेशियों को ऊंचे स्थानों पर ले जाकर सुरक्षित कर रहे हैं।
सबसे बड़ी चुनौती किसानों के सामने खड़ी हुई है क्योंकि खेतों में चारा पूरी तरह से बह गया है और पशुओं के लिए भोजन की व्यवस्था करना मुश्किल हो गया है। ऐसे में कुछ किसान नाव के सहारे यमुना पार से सूखा चारा लाकर मवेशियों को खिला रहे हैं। हालांकि यह प्रक्रिया बेहद जोखिम भरी है लेकिन किसानों के पास कोई विकल्प नहीं बचा है। ग्रामीणों का कहना है कि अचानक पानी छोड़े जाने की सूचना समय पर नहीं दी गई जिससे लोग तैयार नहीं हो सके जिससे लोगों के अनाज, कपड़े और जरूरी सामान पानी में बह गए हैं। वहीं बाढ़ के चलते बिजली आपूर्ति भी ठप हो चुकी है और मोबाइल नेटवर्क भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। आपको बता दें ग्रामीणों ने प्रशासन पर कुछ स्थानों पर देर से मदद पहुंचाने का आरोप भी लगाया है। इस बीच मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक और बारिश की चेतावनी जारी की है जिससे हालात और भी गंभीर हो सकते हैं।वहीं राज्य सरकार की ओर से जिला प्रशासन को पूरी सहायता देने का आश्वासन दिया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय की निगरानी में राहत और बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं। सरकार ने बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए मुआवजा देने की भी घोषणा की है लेकिन ग्रामीणों को जल्द और प्रभावी मदद की दरकार है।
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