लखनऊ (उत्तर प्रदेश):- उत्तर प्रदेश की जनता को आने वाले समय में बिजली बिलों के मामले में बड़ा झटका लग सकता है। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने बिजली दरों में लगभग 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार किया है। यदि यह प्रस्ताव उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (UPERC) द्वारा स्वीकृत हो जाता है, तो आम उपभोक्ताओं से लेकर उद्योगों तक सभी वर्गों पर इसका सीधा असर देखने को मिलेगा।
क्यों बढ़ रही हैं बिजली की दरें?
UPPCL के अधिकारियों के मुताबिक, बढ़ती लागत, बिजली उत्पादन कंपनियों से महंगी खरीद, ट्रांसमिशन लागत में इजाफा और तकनीकी हानियों के चलते मौजूदा दरों पर वितरण कंपनियों को घाटा हो रहा है। पिछले कुछ वर्षों में विद्युत वितरण कंपनियों का घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसे संतुलित करने और सेवाओं को बनाए रखने के लिए दरों में संशोधन की जरूरत बताई जा रही है।
किन उपभोक्ताओं पर होगा ज्यादा असर?
यदि प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो सबसे ज्यादा असर घरेलू उपभोक्ताओं और छोटे व्यवसायिक उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। ग्रामीण इलाकों में जहां पहले ही बिजली की आपूर्ति अस्थिर मानी जाती है, वहां यह बढ़ोतरी अतिरिक्त बोझ बन सकती है। वहीं, मध्यम और बड़े उद्योगों के लिए भी बिजली की लागत में वृद्धि से उत्पादन लागत बढ़ेगी, जिसका सीधा असर वस्तुओं की कीमतों पर भी देखने को मिल सकता है।
क्या कहते हैं जानकार?
ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि बिजली दरों में बढ़ोतरी से पहले पारदर्शी जनसुनवाई की आवश्यकता है ताकि आम जनता और उद्योगपति अपनी बात रख सकें। इसके साथ-साथ UPPCL को तकनीकी हानियों को कम करने, बकाया वसूली में सुधार लाने और अनियमितताओं पर नियंत्रण करने की दिशा में भी ठोस कदम उठाने की सलाह दी गई है।
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