मेरठ (उत्तर प्रदेश) : ईद-उल-फितर के मद्देनजर, मेरठ पुलिस ने सड़क पर नमाज़ पढ़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है और कहा है कि नमाज़ केवल मस्जिदों या निर्धारित ईदगाहों में ही पढ़ी जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि इस नियम को तोड़ने वालों के खिलाफ़ गंभीर परिणाम भुगतने होंगे जिसमें पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करना भी शामिल है।
मेरठ के पुलिस अधीक्षक (शहर) आयुष विक्रम सिंह ने स्पष्ट किया कि सार्वजनिक सड़क पर नमाज़ पढ़ते हुए पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “यदि आपराधिक मामले दर्ज किए जाते हैं, तो पासपोर्ट और लाइसेंस रद्द किए जा सकते हैं। हमें नए पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए अदालत से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करने की आवश्यकता होगी।”
अधिकारियों ने सुरक्षा बढ़ा दी है और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के जवानों को तैनात किया है। गलत सूचना और अशांति को रोकने के लिए फ्लैग मार्च का आयोजन किया गया है और सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। मेरठ के एसएसपी विपिन ताडा ने कहा कि शांतिपूर्ण समारोह सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन धार्मिक नेताओं और स्थानीय लोगों के संपर्क में है।
ड्रोन और खुफिया टीमें भी संवेदनशील स्थानों पर निगरानी रख रही हैं। सुरक्षा कड़ी रहने के कारण अधिकारी नागरिकों से उनके साथ मिलकर काम करने और जिम्मेदारी से ईद मनाने का आह्वान कर रहे हैं ताकि लोगों के बीच शांतिपूर्ण माहौल बना रहे।