वाशिंगटन(अमेरिका):- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अमेरिका को यूनाइटेड नेशंस की मानवाधिकार परिषद से अलग करने का आदेश दिया है। ट्रंप ने कहा है कि यह परिषद “ठीक से चलाई नहीं जा रही है” और इसलिए अमेरिका इसका हिस्सा नहीं बनेगा।ट्रंप ने यह आदेश अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले दिन में ही दिया है। इस आदेश के साथ अमेरिका यूनाइटेड नेशंस की कई अन्य एजेंसियों से भी अलग हो जाएगा।
ट्रंप के इस फैसले का विश्व समुदाय में व्यापक प्रभाव पड़ेगा। यूनाइटेड नेशंस की मानवाधिकार परिषद दुनिया भर में मानवाधिकारों की रक्षा और प्रचार के लिए काम करती है। अमेरिका के इस परिषद से अलग होने से इसकी प्रभावशीलता पर सवाल उठ सकते हैं। ट्रंप के इस फैसले की कई देशों ने आलोचना की है। यूरोपीय संघ के प्रवक्ता ने कहा है कि यह फैसला “चिंताजनक” है और इससे विश्व शांति और सुरक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
ट्रंप के इस फैसले के पीछे कई कारण हो सकते हैं। एक कारण यह हो सकता है कि ट्रंप यूनाइटेड नेशंस की मानवाधिकार परिषद की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट हैं। दूसरा कारण यह हो सकता है कि ट्रंप अमेरिका की विदेश नीति में बदलाव लाना चाहते हैं और यूनाइटेड नेशंस की मानवाधिकार परिषद से अलग होना इसका एक हिस्सा है।ट्रंप के इस फैसले के परिणाम अभी तक स्पष्ट नहीं हैं। लेकिन यह सुनिश्चित है कि इससे विश्व समुदाय में एक बड़ा बदलाव आएगा और अमेरिका की विदेश नीति में एक नए युग की शुरुआत होगी।