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बजट 2025 से पहले जानें: भारतीय बजट के इतिहास से जुड़ी 10 रोचक बातें

नई दिल्ली:- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कुछ दिनों में 2025 का केंद्रीय बजट पेश करने वाली हैं। जैसे-जैसे बजट की तारीख करीब आती जा रही है लोगों के मन में वित्तीय योजनाओं और ऐतिहासिक पहलुओं को लेकर उत्सुकता बढ़ रही है। यहां भारतीय बजट के इतिहास से जुड़ी 10 ऐसी रोचक बातें साझा की गई हैं जिन्हें जानना दिलचस्प होगा।

1. भारत का पहला बजट किसने पेश किया?

भारत का पहला बजट 1860 में ब्रिटिश भारत के वित्त मंत्री जेम्स विल्सन ने पेश किया था। हालांकि स्वतंत्र भारत का पहला बजट आर.के. शनमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को प्रस्तुत किया।

2. सबसे ज्यादा बजट पेश करने का रिकॉर्ड

भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सबसे ज्यादा बार बजट पेश किया। वे 1958-59 तक वित्त मंत्री भी रहे और अपने कार्यकाल में कई बार यह जिम्मेदारी निभाई।

3. सबसे लंबा बजट भाषण

निर्मला सीतारमण ने 2020 में 2 घंटे 42 मिनट का सबसे लंबा बजट भाषण दिया। उन्होंने इससे पहले 2019 में भी 2 घंटे 15 मिनट का भाषण दिया था।

4. बजट का समय और दिन

1999 से पहले बजट शाम 5 बजे पेश किया जाता था। यह ब्रिटिश परंपरा का अनुसरण करता था लेकिन 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने इसे सुबह 11 बजे पेश करने का प्रावधान शुरू किया।

5. यूनियन बजट और रेल बजट का विलय

2017 से पहले रेल बजट और यूनियन बजट अलग-अलग पेश किए जाते थे। नरेंद्र मोदी सरकार ने इन्हें एकीकृत कर दिया जिससे बजट की प्रक्रिया और सरल हो गई।

6. हिंदी में बजट भाषण

पहली बार बजट भाषण हिंदी में 1955 में श्रीमती इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान हुआ था। यह आम जनता के लिए वित्तीय घोषणाओं को समझने में मददगार साबित हुआ।

7. बजट में ब्रीफकेस की परंपरा

हर बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री एक ब्रीफकेस में बजट दस्तावेज लेकर संसद आते थे। 2019 में निर्मला सीतारमण ने ब्रीफकेस की जगह पारंपरिक ‘बहीखाता’ का उपयोग कर इसे खत्म कर दिया।

8. सबसे छोटा बजट भाषण

सबसे छोटा बजट भाषण 1977 में वित्त मंत्री हीरूभाई एम. पटेल ने दिया था जो मात्र 800 शब्दों का था।

9. डिजिटल बजट की शुरुआत

2021 में पहली बार डिजिटल बजट पेश किया गया। यह एक पेपरलेस बजट था जिसे एक टैबलेट के माध्यम से पेश किया गया।

10. वर्तमान बजट की तैयारियाँ

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2025 के बजट को पेश करने की तैयारी में हैं। बजट से छोटे और मध्यम वर्गीय परिवारों को राहत की उम्मीद है जबकि सरकार पर राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने का दबाव रहेगा।

बजट 2025 के लिए खास उम्मीदें

मुंबई स्थित बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और दिल्ली के व्यापारिक समुदाय का कहना है कि इस साल के बजट में रोजगार सृजन, कर राहत, और छोटे व्यवसायों के लिए नई योजनाओं पर फोकस हो सकता है।

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