नई दिल्ली:- अमेरिका ने एच-1बी वीजा कार्यक्रम में आज से बड़े बदलाव किए हैं। ये बदलाव भारतीय टेक प्रोफेशनल्स और एफ-1 वीजा धारकों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकते हैं। एच-1बी वीजा दुनियाभर के कुशल पेशेवरों को अमेरिका में काम करने का अवसर प्रदान करता है।
एच-1बी वीजा में क्या बदलाव हुए हैं?
एफ-1 वीजा से एच-1बी में रूपांतरण आसान:
जो छात्र अमेरिका में एफ-1 वीजा पर रहकर पढ़ाई कर रहे हैं उनके लिए अब एच-1बी वीजा में बदलाव की प्रक्रिया सरल हो गई है। यह कदम अमेरिका में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों के लिए खासतौर पर राहतभरा है।
कम चुनौतियां:
एच-1बी वीजा में बदलाव की प्रक्रिया अब पहले से कम जटिल होगी। इससे उन छात्रों और पेशेवरों को फायदा मिलेगा जो पहले इस प्रक्रिया में आने वाली समस्याओं का सामना कर रहे थे।
वैश्विक प्रतिभा को प्रोत्साहन:
अमेरिका ने एच-1बी वीजा कार्यक्रम के फ्रेमवर्क को आधुनिक बनाया है जिससे वैश्विक प्रतिभाओं को आकर्षित करना आसान होगा।
भारतीय पेशेवरों को बड़ा लाभ
70% भारतीयों को फायदा:
2023 में जारी किए गए एच-1बी वीजा में 70% से अधिक भारतीयों को इसका लाभ मिला था। इन बदलावों से भारतीय टेक प्रोफेशनल्स की संख्या और बढ़ सकती है।
नए अवसर:
भारतीय टेक कंपनियों और अमेरिका में काम कर रहे भारतीय पेशेवरों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है। लाखों भारतीय पहले से ही एच-1बी वीजा के जरिए अमेरिका में काम कर रहे हैं।
एच-1बी वीजा का संचालन यूनाइटेड स्टेट्स सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) द्वारा किया जाता है। यह वीजा अमेरिका में कुशल पेशेवरों को रहने और काम करने की अनुमति देता है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि ये बदलाव भारतीय आईटी सेक्टर और छात्रों के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह न केवल भारतीय पेशेवरों की वैश्विक मांग को और मजबूत करेगा बल्कि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को भी बढ़ावा देगा।
नई एच-1बी वीजा नीति भारतीयों के लिए अवसरों के नए द्वार खोल सकती है। इससे न केवल अमेरिकी कंपनियों को फायदा होगा बल्कि भारतीय पेशेवरों और छात्रों को भी अपनी योग्यता साबित करने का बेहतर मौका मिलेगा।