वाशिंगटन(अमेरिका):-अमेरिकी मनोवैज्ञानिक एआई थेरेपी चैटबॉट्स के बढ़ते उपयोग पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं और एफटीसी से इस मामले में जांच करने की मांग कर रहे हैं। उनका मानना है कि ये चैटबॉट्स थेरेपी की जगह नहीं ले सकते हैं और इससे मरीजों को नुकसान हो सकता है।
एआई थेरेपी चैटबॉट्स क्या हैं?
एआई थेरेपी चैटबॉट्स कंप्यूटर प्रोग्राम हैं जो थेरेपी के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। ये चैटबॉट्स मरीजों से बातचीत करते हैं और उन्हें थेरेपी के लिए सलाह देते हैं। लेकिन मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि ये चैटबॉट्स थेरेपी की जगह नहीं ले सकते हैं और इससे मरीजों को नुकसान हो सकता है।
मनोवैज्ञानिकों की चिंताएं
मनोवैज्ञानिकों की चिंता है कि एआई थेरेपी चैटबॉट्स थेरेपी की जगह नहीं ले सकते हैं। उनका मानना है कि थेरेपी एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें मरीज और थेरेपिस्ट के बीच एक गहरा संबंध बनता है। यह संबंध मरीज के इलाज में बहुत महत्वपूर्ण होता है।
इसके अलावा मनोवैज्ञानिकों को यह भी चिंता है कि एआई थेरेपी चैटबॉट्स को ठीक से नियमित नहीं किया जा रहा है। उनका मानना है कि इन चैटबॉट्स को नियमित करने के लिए एक सख्त नियमन प्रणाली की आवश्यकता है।
एफटीसी जांच की मांग
मनोवैज्ञानिक एआई थेरेपी चैटबॉट्स के बढ़ते उपयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए एफटीसी से इस मामले में जांच करने की मांग कर रहे हैं। उनका मानना है कि एफटीसी को इस मामले में जांच करनी चाहिए और इन चैटबॉट्स को नियमित करने के लिए एक सख्त नियमन प्रणाली बनानी चाहिए।एआई थेरेपी चैटबॉट्स का बढ़ता उपयोग एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। मनोवैज्ञानिकों को यह चिंता है कि ये चैटबॉट्स थेरेपी की जगह नहीं ले सकते हैं और इससे मरीजों को नुकसान हो सकता है। एफटीसी को इस मामले में जांच करनी चाहिए और इन चैटबॉट्स को नियमित करने के लिए एक सख्त नियमन प्रणाली बनानी चाहिए।