नई दिल्ली:- दिल्ली की एक अदालत ने 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के आरोपी और जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को 7 दिन की अंतरिम जमानत दी है। कड़कड़डूमा कोर्ट ने खालिद को उनके चचेरे भाई के विवाह समारोह में शामिल होने के लिए 28 दिसंबर से 3 जनवरी तक जमानत मंजूर की है।
क्या है मामला?
उमर खालिद पर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी 2020 में हुई हिंसा की साजिश रचने का आरोप है। यह हिंसा नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के विरोध-प्रदर्शनों के दौरान भड़की थी जिसमें कई लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए। खालिद पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
जमानत की शर्तें
• उमर खालिद को 28 दिसंबर से 3 जनवरी तक शादी समारोह में शामिल होने के लिए जमानत दी गई है।
• कोर्ट ने शर्त लगाई है कि खालिद इस दौरान किसी भी प्रकार की गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे।
• वह केवल परिवार के साथ समय बिताएंगे और कोर्ट के आदेश के अनुसार वापस जेल लौट आएंगे।
• जमानत अवधि के दौरान उमर खालिद को पुलिस की निगरानी में रहना होगा।
2020 की हिंसा का पृष्ठभूमि
फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़की थी, जिसमें 53 से अधिक लोग मारे गए और 200 से ज्यादा घायल हुए। यह हिंसा मुख्य रूप से सीएए और एनआरसी के समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई झड़पों से शुरू हुई थी। उमर खालिद पर आरोप है कि उन्होंने हिंसा के लिए साजिश रची थी और भड़काऊ भाषण दिए थे।
यह जमानत उमर खालिद के मामले की नियमित सुनवाई को प्रभावित नहीं करेगी। वह अभी भी न्यायिक हिरासत में हैं और उनके खिलाफ चल रही जांच व सुनवाई जारी रहेगी।
नई दिल्ली में उमर खालिद की यह जमानत का फैसला उनके परिवार और समर्थकों के लिए राहत की खबर लेकर आया है। हालांकि इस फैसले को लेकर विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों की ओर से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।