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केदारनाथ धाम: शीतकाल में विवाद और पुनर्निर्माण कार्य जारी

केदारनाथ धाम (उत्तराखंड):- केदारनाथ धाम में सर्दियों के दौरान बाबा केदार के कपाट बंद हैं और इस समय क्षेत्र में भारी बर्फबारी हो रही है। साथ ही धाम में पुनर्निर्माण का काम भी तेजी से चल रहा है। इस बीच भकुंट भैरव मंदिर से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है जिसमें एक व्यक्ति जूते पहनकर मूर्तियों को छूता और दानपात्र के साथ छेड़छाड़ करता नजर आ रहा है।

इस घटना ने पंडा समाज की नाराजगी को बढ़ा दिया है। उन्होंने मांग की है कि ऐसे लोगों को केदारनाथ धाम से दूर रखा जाए। केदारसभा के तीर्थ पुरोहित पंकज शुक्ला ने बताया कि मंदिर के पास सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। इसी कैमरे में एक मजदूर को जूतों के साथ मंदिर में प्रवेश करते और मूर्तियों के साथ छेड़छाड़ करते हुए देखा गया। इस पर तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज ने कड़ी आपत्ति जताई है।

धाम में कपाट बंद होने के बावजूद पुनर्निर्माण कार्य जारी है। यहां पैदल मार्ग से लेकर मंदिर परिसर तक लगभग 350 मजदूर कार्यरत हैं। बर्फीले मौसम में भी निर्माण गतिविधियां रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।

भैरवनाथ मंदिर की बात करें तो इसे भगवान केदारनाथ का क्षेत्ररक्षक माना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार जब बाबा केदार के कपाट बंद होते हैं तो भैरवनाथ भगवान पूरे क्षेत्र की सुरक्षा करते हैं। भैरवनाथ के कपाट खोले बिना केदारनाथ भगवान की आरती या भोग अर्पित नहीं किया जाता।

भैरवनाथ के कपाट केवल मंगलवार और शनिवार को ही खोले जाते हैं। बाबा केदार के दर्शन से पहले भैरवनाथ भगवान की पूजा करना अनिवार्य माना गया है। कहा जाता है कि इनके बिना केदारनाथ की यात्रा अधूरी मानी जाती है।

भकुंट भैरव का यह मंदिर केदारनाथ से आधा किलोमीटर दक्षिण में स्थित है। यहां भगवान भैरव की मूर्तियां खुले आसमान के नीचे स्थापित हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भैरव को भगवान शिव का ही एक स्वरूप माना गया है और वे सर्दियों के दौरान केदारनाथ धाम की रक्षा करते हैं।

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