पंजाब (हरियाणा):- पंजाब और हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के नेता और किसान आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। टिकैत ने कहा कि मोदी सरकार केवल प्रोफेशनल तरीके से काम कर रही है और किसानों की समस्याओं को नज़रअंदाज़ कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि देश में एक और बड़ा किसान आंदोलन खड़ा हो सकता है।
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का मरणाव्रत (आमरण अनशन) आज अठारहवें दिन में प्रवेश कर चुका है। डल्लेवाल किसानों की मांगों को लेकर अनशन पर बैठे हैं। उनकी खराब होती सेहत को देखते हुए राकेश टिकैत खनौरी बॉर्डर पहुंचे और उनका हालचाल जाना। टिकैत ने कहा कि सरकार की उदासीनता किसानों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने डल्लेवाल की सेहत को लेकर पंजाब और केंद्र सरकार को सख्त निर्देश दिए हैं। अदालत ने कहा कि डल्लेवाल को तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए ताकि उनकी जान बचाई जा सके।
किसान नेताओं का बयान
टिकैत ने कहा कि किसानों के साथ हो रहे इस व्यवहार ने उन्हें मजबूर कर दिया है कि वे फिर से आंदोलन की राह पर लौटें। उनका कहना है कि जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं होतीं तब तक वे सरकार के खिलाफ खड़े रहेंगे।
प्रमुख मांगें
• फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सुनिश्चित करना।
• किसानों पर लगे झूठे मुकदमे वापस लेना।
• कृषि कानूनों से जुड़े अन्य मुद्दों का समाधान करना।
खनौरी बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान डल्लेवाल के समर्थन में इकट्ठा हो रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान हरियाणा और पंजाब से भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। यह मामला एक बार फिर किसान और सरकार के बीच गंभीर विवाद की स्थिति पैदा कर सकता है।