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अलवर के 2 लड़कों ने डिजिटल-अरेस्ट कर ठगे 54 लाख: छत्तीसगढ़ के रिटायर्ड अधिकारी को 15 दिन टॉर्चर किया;

अलवर (राजस्थान):- राजस्थान के अलवर जिले में दो युवकों ने डिजिटल धोखाधड़ी की एक अजीब और गंभीर घटना को अंजाम दिया। उन्होंने छत्तीसगढ़ के एक रिटायर्ड सरकारी अधिकारी को अपनी धोखाधड़ी का शिकार बनाया जिससे उन्होंने 54 लाख रुपये की ठगी की। आरोपियों ने इस अपराध को पूरी तरह से डिजिटल माध्यम से अंजाम दिया जिसके बाद उन्होंने 15 दिन तक अधिकारी को मानसिक रूप से परेशान किया और उसे टॉर्चर किया।

कैसे हुआ ठगी का मामला?

जानकारी के अनुसार अलवर के दो लड़कों ने एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम करने का झांसा देकर छत्तीसगढ़ के रिटायर्ड अधिकारी से संपर्क किया। इन दोनों ने अधिकारी को निवेश के नाम पर आकर्षक प्रस्ताव दिया जिसके बाद उन्होंने अधिकारी से रुपये ट्रांसफर करवाए। ठगी करने के बाद आरोपियों ने अधिकारी को मानसिक रूप से परेशान किया और उसे डिजिटल तरीके से बंदी बना लिया।

इन्हें डिजिटल-अरेस्ट की संज्ञा दी जा रही है क्योंकि आरोपियों ने ऑनलाइन तरीके से अधिकारी का जीवन पूरी तरह से नियंत्रण में ले लिया। आरोपियों ने इस पूरे मामले को सुलझाने के लिए अधिकारी से लगातार रुपये की मांग की।

कितना पैसा ठगा गया?

पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि कुल मिलाकर ठगों ने रिटायर्ड अधिकारी से 54 लाख रुपये की ठगी की थी। हालांकि ठगों के खातों में अभी तक 8 लाख रुपये का पता चला है जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है।

अधिकारिक तौर पर क्या हुआ?

जब अधिकारी ने धोखाधड़ी का सामना किया और स्थिति से घबराए तो उसने अपनी समस्या को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत मामले की जांच शुरू की और तकनीकी माध्यमों से ठगों तक पहुंचने में सफलता पाई।

अलवर पुलिस ने अब दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार आरोपियों के पास से कुछ तकनीकी उपकरण भी बरामद हुए हैं जो धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए गए थे।

पुलिस का बयान:

अलवर के पुलिस अधीक्षक श्रीमती उमा शर्मा ने बताया यह एक गंभीर डिजिटल धोखाधड़ी का मामला है। हमने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनकी डिजिटल गतिविधियों की गहन जांच की जा रही है। यह मामला ऑनलाइन धोखाधड़ी और साइबर अपराध से संबंधित है जिसके तहत हम अधिक सख्त कदम उठाएंगे।

क्या है डिजिटल-अरेस्ट?

डिजिटल-अरेस्ट एक नई प्रकार की धोखाधड़ी है जिसमें आरोपी पूरी तरह से डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल करते हुए व्यक्ति को अपने जाल में फंसाते हैं। इस मामले में ठगों ने रिटायर्ड अधिकारी से डिजिटल लेनदेन के नाम पर लगातार पैसे की मांग की और उसे मानसिक रूप से परेशान किया।

यह घटना इस बात का संकेत है कि ऑनलाइन धोखाधड़ी और साइबर क्राइम के मामले बढ़ते जा रहे हैं और इससे बचने के लिए लोगों को डिजिटल सुरक्षा के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है।

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