अफ्रीका:-अफ्रीका में हाल के वर्षों में एक नए रुझान ने जन्म लिया है जिसमें मतदाता शासक दलों को झटका दे रहे हैं। यह रुझान न केवल अफ्रीका की राजनीतिक प्रणाली में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है बल्कि यह भी दर्शाता है कि मतदाता अब अपने नेताओं को जवाबदेह ठहराने के लिए तैयार हैं। इस रुझान के पीछे कई कारण हो सकते हैं लेकिन मुख्य कारण यह है कि अफ्रीका के कई देशों में शासक दलों ने अपने वादों को पूरा नहीं किया है। इन दलों ने मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए कई वादे किए थे लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया गया है।
अफ्रीका में शासक दलों की विफलता के कारण:
– वादों की विफलता: अफ्रीका के कई देशों में शासक दलों ने अपने वादों को पूरा नहीं किया है।
– भ्रष्टाचार: अफ्रीका के कई देशों में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है जिसने शासक दलों की विश्वसनीयता को कम कर दिया है।
– आर्थिक विफलता: अफ्रीका के कई देशों में आर्थिक विफलता ने शासक दलों की विश्वसनीयता को कम कर दिया है।
अफ्रीका में मतदाताओं की बदलती पसंद:
– नए दलों की ओर बढ़ते मतदाता: अफ्रीका में मतदाता नए दलों की ओर बढ़ रहे हैं जो शासक दलों के विकल्प के रूप में उभर रहे हैं।
– सामाजिक मुद्दों पर ध्यान: अफ्रीका में मतदाता सामाजिक मुद्दों पर ध्यान दे रहे हैं जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार।
– नेताओं की जवाबदेही: अफ्रीका में मतदाता नेताओं की जवाबदेही की मांग कर रहे हैं जो शासक दलों के लिए एक बड़ी चुनौती है।
इस प्रकार अफ्रीका में मतदाताओं की बदलती पसंद एक नए युग की शुरुआत को दर्शाती है, जिसमें मतदाता अपने नेताओं को जवाबदेह ठहराने के लिए तैयार हैं।