विवाह पंचमी 2024 का पर्व इस साल 24 दिसंबर को मनाया जाएगा। यह पर्व विशेष रूप से हिंदू धर्म के अनुयायियों द्वारा बड़े श्रद्धा और धूमधाम से मनाया जाता है। विवाह पंचमी का त्यौहार भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह की खुशी में मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से भारत के उत्तर भारत खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और नेपाल में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं पूजा करते हैं और विवाह के पवित्र बंधन को याद करते हैं।
विवाह पंचमी 2024 की तिथि और शुभ मुहूर्त:
विवाह पंचमी का पर्व हर साल कार्तिक माह की शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है। इस वर्ष विवाह पंचमी 24 दिसंबर 2024 को है। पंचमी तिथि 24 दिसंबर को दिन में 2:00 बजे से प्रारंभ होगी और 25 दिसंबर की शाम 4:30 बजे तक रहेगी।
शुभ मुहूर्त:
– विवाह पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त: 24 दिसंबर 2024 को सुबह 7:00 बजे से 9:00 बजे तक रहेगा। यह समय विशेष रूप से पूजा के लिए उत्तम माना जाता है।
विवाह पंचमी का महत्व:
विवाह पंचमी का महत्व श्रीराम और सीता के विवाह से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था। विवाह पंचमी के दिन भगवान राम के साथ-साथ उनकी पत्नी सीता का भी पूजन किया जाता है। इसे विशेष रूप से युवाओं द्वारा मनाया जाता है जो अच्छे जीवनसाथी की कामना करते हैं। विवाह पंचमी पर व्रत रखने से व्यक्ति को वैवाहिक जीवन में सुख-शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।
पूजा विधि:
- स्नान और शुद्धता: इस दिन प्रातःकाल उबटन और स्नान कर शुद्ध होने के बाद पूजा स्थल को स्वच्छ करना चाहिए।
- स्वयं और परिवार के लिए व्रत: इस दिन व्रति उपवासी रहते हुए भगवान श्रीराम और माता सीता की पूजा करते हैं। पूजा के दौरान उनकी प्रतिमा या चित्र को स्थापित किया जाता है।
- राम विवाह का आयोजन: पूजा में भगवान राम और माता सीता का विवाह मंत्रों के साथ विधिपूर्वक संपन्न कराया जाता है। इस दौरान रक्षाबंधन की तरह राम और सीता की शादी के दृश्य का चित्रण किया जाता है।
धूप-दीप और नैवेद्य: पूजा के दौरान धूप, दीप, चंदन, और नैवेद्य अर्पित किया जाता है।
प्रसाद वितरण: पूजा के बाद परिवार और मित्रों को प्रसाद वितरित किया जाता है।
विवाह पंचमी न केवल एक धार्मिक पर्व है बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी रखता है। इस दिन का आयोजन परिवारों में सौहार्द और खुशियों को बढ़ावा देता है। यदि आप इस दिन व्रत और पूजा विधियों का पालन करते हैं तो यह आपके जीवन में सुख, समृद्धि और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति का प्रतीक बनता है।