लखनऊ (उत्तर प्रदेश):- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में आयोजित फोरेंसिक विज्ञान और साइबर सुरक्षा की भूमिका पर राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था में हुए सुधार और सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। सीएम योगी ने कहा 2017 से पहले उत्तर प्रदेश की स्थिति किसी से छुपी नहीं थी। प्रदेश के युवाओं के सामने पहचान का संकट था और कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त थी। शरीफ लोग सड़कों पर निकलने से डरते थे।
उन्होंने राज्य सरकार के पिछले सात वर्षों के कार्यकाल में हुए सुधारों को रेखांकित करते हुए कहा कि अब यूपी में कानून का राज स्थापित हुआ है। अपराधियों और माफियाओं पर सख्त कार्रवाई की गई है। फोरेंसिक विज्ञान और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में हुई प्रगति पर उन्होंने बल दिया और इसे राज्य की न्याय प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया।
योगी आदित्यनाथ ने इस सम्मेलन में अधिकारियों और विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए कहा कि अपराध की जड़ तक पहुंचने और डिजिटल युग में बढ़ते साइबर अपराधों को रोकने के लिए फोरेंसिक तकनीकों का उपयोग अत्यधिक जरूरी है। उन्होंने युवाओं को इस क्षेत्र में करियर बनाने और तकनीकी दक्षता बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। सम्मेलन में देशभर के फोरेंसिक और साइबर विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया और अपराध जांच में नई तकनीकों को अपनाने पर चर्चा की।