नई दिल्ली:- दिल्ली में केंद्रीय मंत्री तोखन साहू ने पराली प्रबंधन को लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से एक विशेष अभियान चलाया। इस अभियान में उन्होंने खुद ट्रैक्टर चलाया और पराली के बंडल बनाकर किसानों को पराली जलाने से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया। मंत्री साहू ने कहा कि पराली जलाने से वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता है जिससे दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में स्वास्थ्य संकट गहराता है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे पराली जलाने के बजाय इसे खाद चारा या अन्य उपयोगी संसाधनों में बदलने की तकनीक अपनाएँ।
कार्यक्रम में साहू ने पराली प्रबंधन की मशीनों और तकनीकों का लाइव प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि सरकार किसानों को सब्सिडी पर पराली निस्तारण की मशीनें उपलब्ध करा रही है। उन्होंने किसानों को यह भी समझाया कि पराली का खेत में पुन: उपयोग मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में मदद करता है।
इस दौरान उन्होंने किसानों और अधिकारियों के साथ संवाद करते हुए कहा यह हमारा सामूहिक दायित्व है कि हम पर्यावरण को बचाएँ और पराली जलाने की प्रथा को खत्म करें। साहू ने यह भी बताया कि सरकार पराली प्रबंधन के लिए नई योजनाएँ ला रही है जिनका उद्देश्य किसानों का आर्थिक और पर्यावरणीय दोनों लाभ सुनिश्चित करना है।
यह पहल मोगा के डीपीआरओ कार्यालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम से प्रेरित थी जहाँ किसानों ने इस तकनीक के प्रति गहरी रुचि दिखाई। दिल्ली में कार्यक्रम की शुरुआत और मोगा का जिक्र करते हुए यह समाचार प्रदूषण और कृषि समस्या के समाधान के लिए किए जा रहे प्रयासों का मजबूत संदेश देता है।