लखनऊ (उत्तर प्रदेश):- उत्तर प्रदेश में सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में एक बड़ी खबर सामने आई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में दो प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पेपर लीक रैकेट से जुड़ी कई अहम जानकारी सामने आ रही है। ईडी ने गिरफ्तारी के बाद बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी रवि अत्री और सुभाष प्रकाश हैं। रवि अत्री को मेरठ जेल से और सुभाष प्रकाश को प्रयागराज जिला जेल से गिरफ्तार किया गया है। दोनों आरोपी पेपर लीक रैकेट के प्रमुख सदस्य हैं और इनकी भूमिका पूरे उत्तर भारत में फैले पेपर लीक मामलों में महत्वपूर्ण रही है।
ईडी की जांच में यह सामने आया है कि रवि अत्री और सुभाष प्रकाश का सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक रैकेट से गहरा संबंध है। इसके अलावा अत्री का कई बड़े रैकेट्स के साथ भी संपर्क था। उसकी भूमिका बिहार से लेकर यूपी तक फैले पेपर लीक मामलों में अहम रही है। इन आरोपियों ने सरकारी भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक करने के लिए एक संगठित नेटवर्क तैयार किया था।
इस मामले में पहले यूपी पुलिस ने जांच शुरू की थी लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सौंपा गया। ईडी की जांच से पता चला है कि यह रैकेट केवल उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं था बल्कि बिहार सहित अन्य राज्यों में भी इस तरह की गतिविधियों का संचालन हो रहा था। ईडी की टीम ने जांच के दौरान रवि अत्री और सुभाष प्रकाश के वित्तीय लेनदेन की जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि इस रैकेट के जरिए करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ है। दोनों आरोपियों से पूछताछ के बाद ईडी को कई और नामों का पता चलने की संभावना है जो इस नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं।
इस पेपर लीक कांड ने हजारों छात्रों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हुए इस रैकेट ने सरकारी भर्ती परीक्षाओं की पारदर्शिता को नुकसान पहुंचाया है। इसके खिलाफ छात्रों और शिक्षाविदों में गहरा आक्रोश है और इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की जा रही है। ईडी अब इस रैकेट से जुड़े अन्य व्यक्तियों की तलाश कर रही है। साथ ही इसके वित्तीय नेटवर्क और बैंक खातों की जांच भी की जा रही है। कहा जा रहा है कि इस मामले में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं और रैकेट की जड़ें और गहरी हो सकती हैं।
सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक कांड ने एक बार फिर से सरकारी परीक्षाओं में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार के मुद्दे को उजागर किया है। ईडी की कार्रवाई इस मामले में एक महत्वपूर्ण कदम है लेकिन इसकी जड़ से समाप्ति के लिए और सख्त कदम उठाने की जरूरत है।